अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत एक भारतीय पहल के रूप में हुई। 27 सितंबर, 2014 को, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा।
International Yoga Day 2024 : क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस? जानिए कैसे अस्तित्व में आया ये दिन, क्या है इस साल की थीम...
Jun 21, 2024 13:28
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योग दिवस का जन्म: एक भारतीय पहल
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत एक भारतीय पहल के रूप में हुई। 27 सितंबर, 2014 को, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, "योग एक अमूल्य उपहार है भारत की प्राचीन परंपरा का। यह मन और शरीर की एकता, विचार और कर्म की एकता, संयम और पूर्णता की एकता, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य की एकता का प्रतीक है।" इस प्रस्ताव को अभूतपूर्व समर्थन मिला। 11 दिसंबर, 2014 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 177 देशों के समर्थन से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। यह तारीख ग्रीष्म संक्रांति के दिन को चिह्नित करती है, जो उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और कई संस्कृतियों में विशेष महत्व रखता है।
2024 की थीम: "स्वयं और समाज के लिए योग"
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है 'स्वयं और समाज के लिए योग'। जिसका अर्थ है कि योग व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण का मार्ग है। यह मन-शरीर संतुलन, विचार-क्रिया सामंजस्य, और अनुशासन-पूर्णता को जोड़ता है। शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, और आत्मिक पहलुओं को एकीकृत कर, योग समग्र स्वास्थ्य प्रदान करता है। तेज़ जीवन में यह शांति का स्रोत है, जो आंतरिक और बाहरी दुनिया को जोड़ता है।
भारत में उत्सव: राष्ट्रीय उत्साह
भारत में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक राष्ट्रीय उत्सव की तरह मनाया जाता है। देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। राज्य सरकारें, योग संस्थान, स्कूल और कॉलेज अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। कई शहरों में सार्वजनिक पार्कों और स्टेडियमों में बड़े पैमाने पर योग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इस वर्ष, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का भी व्यापक उपयोग किया जा रहा है, जिससे लोग घर बैठे ही इन कार्यक्रमों में शामिल हो सकें।
योग का वैज्ञानिक महत्व
योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं है। यह मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन लाने का एक समग्र दृष्टिकोण है। वैज्ञानिक अध्ययनों ने योग के कई लाभों को प्रमाणित किया है, जिनमें शामिल हैं:
- तनाव और चिंता में कमी
- शारीरिक लचीलेपन और शक्ति में वृद्धि
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार
- पीठ दर्द और अन्य पुरानी बीमारियों में राहत
- नींद की गुणवत्ता में सुधार
- मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता में वृद्धि
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: भारत की सॉफ्ट पावर
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत की सॉफ्ट पावर का एक प्रमुख उदाहरण बन गया है। यह पहल दुनिया भर में करोड़ों लोगों को प्रभावित कर चुकी है। कई देशों ने अपने स्कूल पाठ्यक्रमों में योग को शामिल किया है, जबकि अन्य ने सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में इसे एकीकृत किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय संघ के देश, चीन, जापान, और ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के कई हिस्सों में योग की लोकप्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह न केवल भारतीय संस्कृति के प्रति वैश्विक रुचि को दर्शाता है, बल्कि स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण की बढ़ती स्वीकृति को भी प्रदर्शित करता है।
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चुनौतियां और आगे का रास्ता
हालांकि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने व्यापक सफलता हासिल की है, फिर भी कुछ चुनौतियां हैं। कुछ समुदायों में, योग को गलत तरीके से एक धार्मिक अभ्यास के रूप में देखा जाता है, जबकि यह वास्तव में एक वैज्ञानिक और सार्वभौमिक स्वास्थ्य पद्धति है। इसके अलावा, योग के व्यावसायीकरण और इसके मूल दर्शन से दूर जाने की चिंताएं भी व्यक्त की गई हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, योग के वैज्ञानिक पहलुओं पर अधिक शोध और इसके मूल सिद्धांतों के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
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