इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सास ससुर को विदेश यात्रा कराने वाले दामाद के खिलाफ दर्ज दहेज की मांग का मुकदमा सिरे से खारिज कर दिया। यह मामला दहेज उत्पीड़न को मनगढ़ंत कहानी के अलावा कुछ नहीं लगता है।
दहेज उत्पीड़न का मामला : दामाद ने सास-ससुर को विदेश यात्रा पर भेजा, पत्नी ने दर्ज कराया केस, हाईकोर्ट ने किया खारिज
Sep 18, 2024 00:26
Sep 18, 2024 00:26
- प्रथम दृष्टया विवाद महिला मित्र को लेकर उपजे संदेह का है, दहेज में एसयूवी की मांग का आरोप बेबुनियाद
- जिला अदालत के आदेश पर पत्नी और बच्चों के भरण पोषण के मद में 50 हजार रुपये प्रतिमाह देता है
- 50 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से अब तक करीब 45 लाख रुपये अदा किए जा चुके हैं
पत्नी ने इसलिए दर्ज कराया था केस
मामला प्रयागराज जिले के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र का है। नवीन और किरन की शादी 2007 में हुई थी। इसके बाद दोनों अमेरिका चले गए। वहीं उनके दो बच्चे भी हुए। 2014 में दोनों भारत आए और नोएडा में संयुक्त नाम से दो फ्लैट खरीद कर वहीं रहने लगे। नवीन के माता-पिता भी वहीं चले गए। इसी दौरान नवीन की पुरानी महिला मित्र से मोबाइल पर बातचीत शुरू हो गई। आपत्ति करने पर भी नवीन नहीं माना तो पत्नी दोनों बच्चों के साथ प्रयागराज स्थित मायके आ गई। 2017 में किरन ने पति नवीन, उनके पिता इंद्रदेव वर्मा, मां अनारकली व पति की महिला मित्र के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया। कहा कि पति दहेज में एसयूवी कार की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा जिला अदालत में भरण पोषण का मुकदमा भी दायर किया था। जिसके एवज में नवीन 45 लाख रुपये का भुगतान कर चुका है।
याची के अधिवक्ता की दलील
याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि अमेरिका में रहने के दौरान नवीन ने खुद के खर्चे पर किरन के माता-पिता को अमेरिका की सैर कराई। जिला अदालत के आदेश पर पत्नी और बच्चों के भरण पोषण के मद में 50 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से अब तक करीब 45 लाख रुपये अदा किए जा चुके हैं। प्रथम दृष्टया विवाद महिला मित्र को लेकर उपजे संदेह का है। दहेज में एसयूवी की मांग का आरोप बेबुनियाद और कोरी कल्पना है।
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