महाकुंभ 2025 : देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को मिलेंगी गांव जैसी सुविधाएं, असम के कारीगर तैयार कर रहे हैं टेंट सिटी

देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को मिलेंगी गांव जैसी सुविधाएं, असम के कारीगर तैयार कर रहे हैं टेंट सिटी
UPT | टेंट सिटी में बांस से बने कॉटेज

Nov 06, 2024 15:48

संगम नगरी में 2025 में लगने वाले महाकुंभ मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए योगी सरकार द्वारा मुहैया कराई जाने वाली गांव की सुविधाओं के साथ ही ग्रामीण जीवन पर आधारित बांस की झोपड़ियां आकर्षण का केंद्र होंगी।

Nov 06, 2024 15:48

Short Highlights
  • इस बंबू कॉटेज में रहने वालों का किराया प्रतिदिन 10,000 रुपये से 30,000 रुपये तक है
  • कॉटेज में बाथरूम, चेंज रूम बेड के अतिरिक्त बेहतर लॉकर की सुविधा भी की गई है
  • इन कॉटेज के अलावा एक 20 बेड का हॉल भी बनाया जा रहा है
Prayagraj News : संगमनगरी में 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में आने वाले सैलानियों के लिए योगी सरकार की तरफ से गांव की सुख सुविधा के साथ गांव के जीवन पर आधारित बांस से बनी झोपड़ी आकर्षण का केंद्र रहेगी। इसके लिए मेला प्रशासन की तरफ से नैनी स्थित अरैल में तीन बीघे में बंबू कॉटेज बनाने की शुरुआत हो गई है। इस बंबू की नगरी को बसाने के लिए पिछले पांच महीने असम के कारीगर लगातार मेहनत कर आखिरी रूप देने में जुटे हुए है। लगभग 5 लाख रुपये की लागत से बने यह सभी कॉटेज वाटरप्रूफ रहेंगे। इसके साथ यहां पर सैलानियों को गांव के चूल्हे पर बना खाना भी परोसने की तैयारी की गई है।

तैयार की जा रही टेंट सिटी
महाकुंभ 2025 को लेकर योगी सरकार के शासन और प्रशासन की तैयारियां तेजी से चल रही है। संगम की रेत में तंबुओं का शहर बसाने के लिए विभागीय अधिकारी के समाज सेवी संस्थाएं भी अपने अपने टेंट सिटी को आखिरी रूप देने में जुटे हुए हैं। महाकुंभ में आने वाले देश और विदेश के मेहमानों के रुकने को लेकर विशेष टेंट सिटी तैयार की जा रही है। वैसे तो प्रशासन की ओर से झूंसी, नैनी में भी बड़ी टेंट सिटी बनाई जा रही है। लेकिन नैनी की अरैल में कुछ खास तरीके की टेंट सिटी तैयार की जा रही है। महाकुंभ में आने वाले विदेशी मेहमानों और श्रद्धालुओं के लिए पर्यटन विभाग के सहयोग से कई निजी कंपनियां टेंट सिटी बना रही है। 


असम के कारीगर तैयार कर रहे सिटी
अरैल में बन रही बंबू टेंट सिट चर्चा में है। इसका नाम संगम रिसोर्ट रखा गया है। इसके मालिक बृजेश पांडेय ने बताया कि इस टेंट सिटी को बनाने का काम पांच महीने पहले शुरू किया गया है। इसे बनाने के लिए असम से कारीगरों को खास तौर पर बुलाया गया है।
 
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झोपड़ी बनाने के लिए असम से मंगाया बांस
टेंट सिटी में बांस के बंबू से झोपड़ी गई तैयार की जा रही है। इसके लिए असम के 20 कारीगरों को बुलाया गया है, जो बांस से झोपड़ी का आकार देने में जुटे हैं। झोपड़ी को बनाने के लिए मंगाए गए बंबू भी असम के ही है। अब तक दो ट्रक बंबू मंगाया जा चुका है। इस टेंट सिटी को तीन बीघे में तैयार किया जा रहा है। जिसमें 14 कॉटेज के साथ एक हॉल बनाया जा रहा है। खास तौर पर झोपड़ी के बाहर हरियाली भी देखने को मिलेगी, जो विदेशी मेहमानों को लुभाएगी।  

प्रतिदिन देना होगा 10 हजार किराया
इन बंबू कॉटेज में रहने वालों का किराया प्रतिदिन 10 हजार से 30 हजार तक है। इन कॉटेज के अलावा 20 बेड का हॉल भी बनाया जा रहा है। कॉटेज में बाथरूम, चेंज रूम और बेड के अलावा बेहतर लॉकर की सुविधा भी दी जाएगी।

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