किसानों का गोरिल्ला आंदोलन शुरू : कई मांगों पर अड़े, पहले दिन धरना प्रदर्शन कर पीडीए दफ्तर तक निकाला मार्च

कई मांगों पर अड़े,  पहले दिन धरना प्रदर्शन कर पीडीए दफ्तर तक निकाला मार्च
UPT | आंदोलन में शामिल किसान यूनियन के कार्यकर्ता और किसान।

Sep 09, 2024 20:04

प्रयागराज में भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों ने अपनी तमाम मांगों को लेकर आज से गोरिल्ला आंदोलन शुरू कर दिया है।

Sep 09, 2024 20:04

Prayagraj News : संगम नगरी प्रयागराज में भारतीय किसान यूनियन से जुड़े सैकड़ों किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से गोरिल्ला आंदोलन शुरू कर दिया है। पहले दिन किसानों ने बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन किया और इसके बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के दफ्तर तक मार्च निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया। इससे पहले किसानों ने अपनी मांगों को लेकर ट्रैक्टर मार्च भी निकाला था, जिससे आंदोलन का जोर और बढ़ गया।

किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह गोरिल्ला आंदोलन जारी रहेगा। किसान लंबे समय से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। आंदोलन का नेतृत्व युवा मंच के प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह कर रहे हैं, जो किसानों की प्रमुख समस्याओं को उजागर कर रहे हैं।

किसानों की प्रमुख मांगें
गोरिल्ला आंदोलन में किसानों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है। उनकी प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं- 
1-अधिग्रहीत जमीन का उचित मुआवजा : किसानों का कहना है कि उनकी जमीनों का अधिग्रहण तो कर लिया गया, लेकिन उन्हें इसके बदले उचित मुआवजा नहीं दिया गया है। वे इस मुद्दे पर प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

2-नहरों में पानी की समस्या : किसानों का आरोप है कि नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, जिससे सिंचाई के लिए उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

3-बिजली, पानी और सड़क की समस्याएं: ग्रामीण इलाकों में बिजली, पानी और सड़कों की स्थिति दयनीय है। किसान इन समस्याओं के जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं। विशेष रूप से 18 घंटे बिजली सप्लाई की मांग को लेकर किसान जोर दे रहे हैं।

4-सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित घरों का संरक्षण : किसान सड़क चौड़ीकरण के नाम पर हो रहे उनके घरों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सड़क चौड़ीकरण के कारण उनके मकान तोड़े जा रहे हैं, जिससे उनके जीवन पर सीधा असर पड़ रहा है।

5-आवारा पशुओं पर नियंत्रण और गौशालाओं का निर्माण: किसानों की एक और महत्वपूर्ण मांग आवारा पशुओं पर नियंत्रण और गौशालाओं का निर्माण कराना है। आवारा पशुओं की वजह से फसलों को भारी नुकसान हो रहा है।

आंदोलन में बढ़ती भागीदारी
किसानों का यह आंदोलन धीरे-धीरे और भी व्यापक होता जा रहा है। युवा मंच के प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह के नेतृत्व में किसान पूरी ताकत से अपनी मांगों के लिए लड़ रहे हैं। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 

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