महाकुंभ के दौरान आईआईटी वाले बाबा की वीडियो वायरल हुई, जिससे उनके परिवार को उनके आश्रम में होने का पता चला। गुरुवार रात उनके माता-पिता उन्हें ढूंढते हुए आश्रम पहुंचे, लेकिन तब तक अभय वहां से जा चुके थे।
महाकुंभ से चर्चा में आए IITian Baba : अचनाक आश्रम से हो गए गायब, कहां गए? किसी को नहीं पता, साथी साधुओं ने बताई ये बात
Jan 17, 2025 17:26
Jan 17, 2025 17:26
माता-पिता पहुंचे आश्रम
महाकुंभ के दौरान उनकी वीडियो वायरल हुई, जिससे उनके परिवार को उनके आश्रम में होने का पता चला। गुरुवार रात उनके माता-पिता उन्हें ढूंढते हुए आश्रम पहुंचे, लेकिन तब तक अभय वहां से जा चुके थे। उनकी अनुपस्थिति से उनके परिवार में तनाव बढ़ गया। इसके साथ ही बाबा ने मीडिया में अपने नाम और लव लाईफ को लेकर बयान दिए जिसके बाद से बाबा चर्चा में थे। जब मीडिया ने उनसे इस बारे में सवाल किया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका परिवार उनके जीवन के फैसलों से खुश नहीं था। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा से परिवार की इच्छाओं से अलग जीवन जीना चाहता था। शादी और पारिवारिक जिम्मेदारियां मेरी प्राथमिकता नहीं थीं। यही कारण था कि मैंने घर छोड़ने का निर्णय लिया।"
प्रेम कहानी को लेकर चर्चा
अभय सिंह ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में भी खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि उनकी एक गर्लफ्रेंड थी और वे लगभग चार साल तक साथ रहे, लेकिन यह रिश्ता शादी तक नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा, "मुझे अपने माता-पिता के झगड़े देखकर शादी करने में कोई रुचि नहीं थी। मैंने सोचा कि अगर जिंदगी में वही झगड़े देखने हैं, तो बेहतर है कि अकेले रहो और खुश रहो।"
परिवार से दूरी और घर छोड़ने का निर्णय
करीब 11 महीने पहले अभय ने अपने परिवार से संपर्क तोड़ दिया। परिवार ने उनसे संपर्क करने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह केवल जरूरी मामलों के लिए मैसेज करने की बात कहते थे। बाद में उन्होंने अपने माता-पिता और बहन के फोन नंबर भी ब्लॉक कर दिए।
हरियाणा के झज्जर से आईआईटी बॉम्बे तक का सफर
अभय सिंह हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता कर्ण सिंह पेशे से वकील हैं और झज्जर बार एसोसिएशन के प्रधान भी रह चुके हैं। अभय की पढ़ाई में बचपन से ही रुचि थी। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक और मास्टर डिग्री पूरी की। इसके बाद वे कनाडा चले गए और एक विमान निर्माण कंपनी में काम किया। वहां उन्हें हर महीने तीन लाख रुपये की सैलरी मिलती थी।
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