कौशांबी की जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर ने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को पत्र भेजकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर गंभीर आरोप...
Kaushambi News : भ्रष्टाचार में लिप्त हैं सीएमओ, नियम विरुद्ध चल रहे नर्सिंग होम, शासन को लिखी...
Apr 06, 2024 12:42
Apr 06, 2024 12:42
- जिला पंचायत अध्यक्ष ने शासन को बताए सीएमओ के कारनामे।
- अस्पताल सीज करने फिर वसूली कर संचालन की मंजूरी देने का आरोप।
क्या है पूरा मामला
कौशांबी की जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर ने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को भेजे पत्र में कहा है कि अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम और क्लीनिक में सीनियर चिकित्सकों की तैनाती नहीं की जाती है। जूनियर चिकित्सकों को प्रभारी बनाया जा रहा है। चिकित्सकों की तैनाती वरिष्ठता के आधार पर नहीं की जाती है। जनप्रतिनिधियों का सम्मान ना करना, मासिक धन की वसूली करना, रेडियोलॉजिस्ट से वित्तीय कार्य लेना, मनमाने तरीके से चिकित्सकों की तैनाती करने सहित तमाम गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
भ्रष्टाचार में लिप्त हैं सीएमओ
कल्पना सोनकर ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मनमानी के चलते सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनमानस को नहीं मिल रहा है। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक मौजूद नहीं रहते हैं। समाचार पत्रों में प्रतिदिन अस्पतालों की चौपट व्यवस्था की खबरें प्रकाशित होती रहती हैं, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं होती है। कौशांबी जिले की चिकित्सा व्यवस्था चौपट हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यहां गलत तरीके से अवैध नर्सिंग होम का संचालन हो रहा है। उनसे अवैध रूप से धन वसूली की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। एनएचएम घोटाला और मनमानी करने सहित तमाम गम्भीर आरोप मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर लगाए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुष्पेन्द्र कुमार का अपने गृह जनपद के मंडल के जिले में तैनाती के मामले को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष ने आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कारनामे की उच्च स्तरीय जांच करा कर निलंबित करने की मांग की है।
सीएमओ पर अवैध वसूली का आरोप
मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जब से तैनाती हुई है, तब से करोड़ों रुपए की वसूली सीएमओ का एक खास कर्मचारी कर रहा है। इससे पूरे जिले की चिकित्सा व्यवस्था चौपट हो गई है। नियम विरुद्ध नर्सिंग होम और क्लीनिक का संचालन हो रहा है, जहां आएदिन इलाज के दौरान मरीजों की मौत हो रही है। अस्पताल सीज करने के बाद उनसे वसूली करके फिर अवैध अस्पतालों का संचालन कराया जा रहा है।
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