महाकुम्भ प्रयागराज में दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार द्वारा भारत की गौरव गाथा बनाम आत्महीनता की भावना विषयक व्याख्यान का शुक्रवार को आयोजन हुआ।
महाकुंभ 2025 : भारत की गौरव गाथा पर व्याख्यान, संतों और ऋषियों की पावन धरती पर सीएम योगी को अतिथियों ने दिया धन्यवाद
Jan 17, 2025 18:26
Jan 17, 2025 18:26
गौरव गाथा पर रखें विश्वास
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण ने एक कार्यक्रम में कहा कि हमें अपनी गौरवशाली विरासत पर विश्वास रखकर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का आध्यात्मिक ज्ञान और आर्थिक व्यवस्था एक समय पूरी दुनिया को दिशा देते थे क्योंकि हम आत्मविश्वास से कार्य करते थे। भारत तकनीकी और व्यापार में सदियों से अग्रणी रहा, और हमारे मसाले, कपड़े, चीनी, हीरे-जवाहरात जैसे उत्पाद विश्वभर में बिकते थे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम आक्रांताओं के हमले और गुलामी के दौर ने हमारी मानसिकता पर दबाव डाला, जो नवाचार और प्रगति में बाधक बना।
भारत के खिलाफ की गई साजिश
मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल जी ने अपने संबोधन में कहा कि हम विश्वविद्यालय चलाते थे। बड़े बड़े ग्रंथों के लिखने वाले हैं लेकिन युद्ध के मैदान में हार गए। जीते हुए लोग पराजित हुए लोगों के गुणों का सार्वजनिक स्मरण कभी नहीं करते। ऐसा ही हमारे साथ हुआ। अंत के दो साल अंग्रेजों के शासन में बीते। भांति भांति से हमारे देश के लोगों में यह बात गहराई से बैठाने का प्रयत्न किया गया कि भारत के लोग अशिक्षित लोग हैं। भारत के लोग असभ्य लोग हैं।
कुम्भ की यह धरा सज्जन, संत और ऋषियों की धरा
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अपना संबोधन देते हुए निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरि जी महाराज ने कहा कि दुनिया के सभी लोग भारत की परंपराओं को मानना, समझना और जानना चाहते हैं। कुम्भ की यह धरा सज्जन, संत और ऋषियों की धरा है। यहां जितनी सेवा हमसे बन पाए, हम करें। दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ आशीष गौतम भैया जी ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर मिशन के संयोजक और कार्यकारी अध्यक्ष संजय चतुर्वेदी, उपाध्यक्ष महेश चंद्र चतुर्वेदी, सह संयोजक राघवेन्द्र सिंह, अवध बिहारी मिश्र सहित देश भर से आये सेवा मिशन के कार्यकर्ता एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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