प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। जिसकी वजह महंत दिनेंद्र दास द्वारा लिखे एक पत्र को माना जा रहा है। यह पत्र उन्होंने निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी के समर्थन में दिया था।
महाकुंभ 2025 : महंत दिनेंद्र दास ने वापस लिया समर्थन, संतों की संस्था में छिड़ा घमासान
Oct 12, 2024 11:12
Oct 12, 2024 11:12
समर्थन पत्र को लेकर विवाद
महंत दिनेंद्र दास ने दावा किया है कि महंत रवींद्र पुरी और महंत हरि गिरि के पक्ष में जो समर्थन पत्र उन्होंने दिया था। वह उनसे धोखे से लिखवाया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस समर्थन पत्र को अब निरस्त कर दिया गया है और महाकुंभ का आयोजन उनके अखाड़े के सचिव राजेंद्र दास के नेतृत्व में ही होगा। इस फैसले से अखाड़ा परिषद में गहरी दरार पड़ गई है और महाकुंभ से पहले साधु-संतों के बीच घमासान तेज हो गया है।
समर्थन वापस लेने की सफाई
मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा है कि महंत दिनेंद्र दास ने अपने फैसले के बारे में सफाई दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके पास हनुमानगढ़ी के एक विश्वासपात्र संत के बारे में चर्चा करने आए थे और इसी दौरान उन्होंने महंत रवींद्र पुरी के समर्थन में पत्र लिखवा लिया। जब महंत दिनेंद्र दास को इस बात की पूरी जानकारी हुई तो उन्होंने तुरंत उस समर्थन पत्र को रद्द कर दिया।
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पहले दिया था रवींद्र पुरी और हरि गिरि को समर्थन
महंत दिनेंद्र दास ने पहले अखाड़ा परिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में महंत रवींद्र पुरी और महंत हरि गिरि को अपना समर्थन दिया था। उन्होंने इन दोनों संतों के नेतृत्व में महाकुंभ के आयोजन का भरोसा जताया था और खुद भी महाकुंभ से जुड़ी बैठकों के लिए अपने नाम का प्रस्ताव दिया था। लेकिन अब उन्होंने अपना समर्थन वापस लेकर सभी को चौंका दिया है।
नया समर्थन पत्र
महंत दिनेंद्र दास ने एक नया समर्थन पत्र जारी करते हुए जगन्नाथ मंदिर अहमदाबाद के महंत राजेंद्र दास को अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अखाड़े का अध्यक्ष और महामंत्री घोषित किया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेला अब राजेंद्र दास के नेतृत्व में ही आयोजित होगा। साथ ही महाकुंभ से संबंधित सभी बैठकें और आयोजन उनके ही नेतृत्व में होंगे। महंत दिनेंद्र दास ने स्पष्ट किया कि इससे पहले जो समर्थन पत्र उन्होंने महंत रवींद्र पुरी और महंत हरि गिरि के पक्ष में दिया था उसे अब निरस्त कर दिया गया है।
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