मेला क्षेत्र के विद्युत विभाग के प्रभारी अधिशासी अभियंता अनूप कुमार सिन्हा ने बताया कि इस बार मेला क्षेत्र में बिजली के संयोजन में सामान्य एलईडी बल्बों के साथ रिचार्जेबल बल्ब भी लगाए जाएंगे।
महाकुंभ 2025 : 40 हजार से ज्यादा रिचार्जेबल लाइट्स से रोशन होगा मेला, कैंप्स में नहीं होगी जीरो लाइट की स्थिति
Nov 12, 2024 11:05
Nov 12, 2024 11:05
- महाकुंभ 2025 में पहली बार रिचार्जेबल बल्ब का भी किया जाएगा उपयोग
- लाइट जाने की स्थिति में भी मेला क्षेत्र और कैंप्स में नहीं होगी जीरो लाइट की स्थिति
- नॉर्मल एलईडी बल्ब के साथ कैंप्स में रिचार्जेबल बल्ब का भी किया जाएगा इस्तेमाल
रिचार्जेबल बल्ब
मेला क्षेत्र के विद्युत विभाग के प्रभारी अधिशासी अभियंता अनूप कुमार सिन्हा ने बताया कि इस बार मेला क्षेत्र में बिजली के संयोजन में सामान्य एलईडी बल्बों के साथ रिचार्जेबल बल्ब भी लगाए जाएंगे। इस निर्णय के पीछे उद्देश्य यह है कि यदि किसी कारणवश बिजली जाती भी है तो रिचार्जेबल बल्ब की वजह से अंधेरे की स्थिति न बने। मेला क्षेत्र में साढ़े चार लाख कनेक्शन की योजना बनाई गई है, जिनमें से लगभग 10% यानी 40,000 से 45,000 रिचार्जेबल बल्ब होंगे। इन बल्बों में इनबिल्ट बैटरी होती है, जो लाइट चालू रहने के दौरान खुद को चार्ज करती रहती है और बिजली के जाने पर बल्ब को रोशन बनाए रखती है। मेला क्षेत्र में कैंपों में लगाए जाने वाले प्रत्येक रिचार्जेबल बल्ब की कीमत लगभग 600 से 700 रुपये के बीच है, जिससे इस व्यवस्था पर करीब 2.7 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है। हालांकि, बल्बों की संख्या की जरूरतें कैंपों की संख्या के अनुपात में घटाई-बढ़ाई जा सकती हैं।
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महाकुंभ में रिचार्जेबल लाइट्स का पहला उपयोग
यह पहला अवसर है जब किसी बड़े आयोजन में इतनी बड़ी संख्या में रिचार्जेबल लाइट्स का उपयोग किया जा रहा है। ये लाइट्स सामान्य बल्ब की तरह दिखती हैं और सामान्य लाइट के साथ ही लगाई जाती हैं। लाइट जाने की स्थिति में जहां अन्य बल्ब बंद हो जाएंगे, वहीं ये रिचार्जेबल बल्ब अपने बैकअप पर जलते रहेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम मेला क्षेत्र में जीरो लाइट की स्थिति को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इन रिचार्जेबल लाइट्स को मेला क्षेत्र में बिजली संबंधी परियोजनाओं के तहत ही वित्त पोषित किया गया है, जो मेला की भव्यता को बिना रुकावट के प्रदर्शित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
सोलर हाइब्रिड लाइट्स का भी होगा उपयोग
मेला क्षेत्र में अंधेरे की स्थिति से बचने के लिए सिर्फ रिचार्जेबल लाइट्स ही नहीं, बल्कि सोलर हाइब्रिड लाइट्स का भी उपयोग किया जाएगा। मेला क्षेत्र में 67,000 सामान्य लाइट्स के साथ ही 2,000 सोलर हाइब्रिड लाइट्स भी लगाई जा रही हैं। ये सोलर लाइट्स दिन में सूर्य की किरणों से चार्ज होती हैं और लाइट कट जाने पर बैटरी बैकअप के जरिए रौशनी प्रदान करती हैं। इससे मेला क्षेत्र के बाहर भी अंधेरे की कोई आशंका नहीं होगी। सोलर हाइब्रिड लाइट्स के इस अतिरिक्त इंतजाम से सरकार ने सुनिश्चित किया है कि बिजली संबंधी किसी भी आपात स्थिति में मेला क्षेत्र में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
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अलौकिक महाकुंभ का अनुभव
महाकुंभ के दौरान इस बार शाम को मेला क्षेत्र की पूरी रौशनी गंगा और यमुना की बहती धाराओं को रोशन करेगी, जो श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय और अद्भुत दृश्य होगा। संगम पर आरती के समय रौशनी की जगमगाहट, संतों और श्रद्धालुओं के मन में एक आस्था का संदेश छोड़ती है। सरकार का यह प्रयास है कि श्रद्धालु इस बार के महाकुंभ का अनुभव बिना किसी रुकावट और विशेष रूप से रौशनी से भरे माहौल में कर सकें।
बैकअप योजना भी है तैयार
मेला क्षेत्र में रौशनी की व्यवस्था में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए बैकअप योजना भी तैयार की गई है। विद्युत विभाग ने बिजली कटौती के दौरान जनरेटर सेट का उपयोग करने की भी योजना बनाई है। जनरेटर के माध्यम से बिजली की आपूर्ति को एक से दो मिनट के अंदर बहाल करने की योजना बनाई गई है, ताकि इस छोटे समय में भी श्रद्धालुओं को जीरो लाइट की स्थिति का सामना न करना पड़े।
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