'महाकुंभ मेला एप' : मेले की परंपराओं और महत्व की जानकारी देगा, आधिकारिक रूप से मिलेंगी आयोजन की समस्त जानकारियां

मेले की परंपराओं और महत्व की जानकारी देगा, आधिकारिक रूप से मिलेंगी आयोजन की समस्त जानकारियां
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Oct 30, 2024 12:31

प्रयागराज में 12 वर्षों के बाद महाकुंभ 2025 का महाआयोजन होने जा रहा है। प्रदेश ही नहीं, देश और विदेश सभी जगह लोगों में महाकुंभ को जानने और इसे समझने के लिए लोगों में एक जिज्ञासा देखने को मिल रही है। विभिन्न सर्च इंजन पर लोग महाकुंभ 2025 की तारीखों और इसके महत्व के बारे में जानने के लिए अलग-अलग की-वर्ड्स को सर्च कर रहे हैं।

Oct 30, 2024 12:31

Prayagraj News : प्रयागराज में 12 वर्षों के बाद महाकुंभ 2025 का महाआयोजन होने जा रहा है। प्रदेश ही नहीं, देश और विदेश सभी जगह लोगों में महाकुंभ को जानने और इसे समझने के लिए लोगों में एक जिज्ञासा देखने को मिल रही है। विभिन्न सर्च इंजन पर लोग महाकुंभ 2025 की तारीखों और इसके महत्व के बारे में जानने के लिए अलग-अलग की वर्ड्स को सर्च कर रहे हैं। हालांकि, महाकुंभ की जानकारी के लिए लोगों को अब और अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि महाकुंभ 2025 की आधिकारिक एप पर उन्हें समस्त जानकारियां उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस एप पर लोगों को न सिर्फ महाकुंभ के विषय में विभिन्न जानकारियां मिलेंगी, बल्कि महाकुंभ और कुंभ पर लिखी गई किताबों और ब्लॉग्स के माध्यम से वो महाकुंभ की परंपराओं और इसके महत्व के विषय में अधिक जानकारी हासिल कर सकेंगे। मेला प्राधिकरण की ओर से इस एप को लाइव किया जा चुका है और लोग इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड भी कर सकते हैं। 


आईआईएम समेत विभिन्न संस्थानों की रिसर्च रिपोर्ट 
प्रयागराज भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। इसे प्राचीन शास्त्रों में 'प्रयाग' या 'तीर्थराज' के नाम से भी सुशोभित किया गया है और इसे भारत के पवित्रतम तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यह शहर वार्षिक माघ मेला, प्रत्येक छह वर्षों में कुंभ मेला और हर 12 वर्ष में महाकुंभ मेला के लिए भी प्रसिद्ध है। प्रयागराज में होने वाले इन सम्मेलनों को धरती पर मानवता के सबसे बड़े सामूहिक आयोजन के रूप में जाना जाता है। यूनेस्को ने कुंभ मेले को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सूचीबद्ध किया है। इस बार महाकुंभ मेला के लिए शहर में तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं। तैयारियों के बीच लोग अधिक से अधिक महाकुंभ के विषय में जान सकें, इसको लेकर महाकुंभ मेला 2025 एप को भी लाइव कर दिया गया है। इस एप पर महाकुंभ 2025 से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ-साथ कुंभ और महाकुंभ पर लिखी गईं प्रमुख किताबों की भी जानकारी है। साथ ही इसमें महत्वपूर्ण ब्लॉग्स का भी सेक्शन है, जिसमें आईआईएम समेत कई बड़े संस्थानों की महाकुंभ को लेकर की गई रिपोर्ट भी सम्मिलित की गई है। इसके माध्यम से वो लोग जो महाकुंभ पर रिसर्च करना चाहते हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। 

प्रयागराज के बारे में भी जान सकेंगे लोग 
महाकुंभ के ब्लॉग सेक्शन में यूपी टूरिज्म की एक्सप्लोर प्रयागराज को भी स्थान दिया गया है जिसमें संगमनगरी की आध्यात्मिकता और आधुनिकता को बताने का प्रयास किया गया है। इसमें प्रयागराज का इंट्रोडक्शन देने के साथ-साथ प्रयागराज में आकर्षण के केंद्रों के साथ ही प्रयागराज की प्रमुख हस्तियों का जिक्र किया गया है। इसके अतिरिक्त भारतीय प्रबंध संस्थान बेंगलुरू की 'प्रयागराज महाकुंभ 2019' को भी इसमें रखा गया है जो महाकुंभ का एकीकृत मूल्यांकन करती है। इसके अतिरिक्त पेंट माय सिटी, स्वच्छ कुंभ, प्रयागराज स्मार्ट सिटी, स्मार्ट फ्यूचर और द मैग्नीफिसेंस ऑफ कुंभ जैसे स्टडी रिपोर्ट को भी रखा गया है जो प्रयागराज और महाकुंभ को समझने में महत्वपूर्ण साबित होगी। इसके अलावा, एप में कुंभ पर विभिन्न लोगों द्वारा की गई स्टडी और उनकी बुक के बारे में भी जानकारी दी गई है जो रिसर्चर्स के लिए बहुत खास हो सकती है।  

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