माइक्रो प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग पर खुलासा : सिंगापुर में हरित सड़क योजना पर प्रयागराज के वैज्ञानिक ने दी चेतावनी

सिंगापुर में हरित सड़क योजना पर प्रयागराज के वैज्ञानिक ने दी चेतावनी
UPT | डॉ. अजय कुमार सोनकर

Sep 19, 2024 16:30

प्रयागराज के वैज्ञानिक की आपत्ति पर सिंगापुर में हरित सड़क की होगी जांच होगी। डॉ. अजय कुमार सोनकर ने बताया कि माइक्रो प्लास्टिक पर शोध के दौरान आए दिन नई जानकारियां सामने आ रहीं हैं।

Sep 19, 2024 16:30

Short Highlights
  • वाहनों के टायरों की उम्र बढ़ाने के लिए अब प्लास्टिक का उपयोग
  • सिंगापुर की हरित सड़क पर उठा सवाल
  • पीएमओ ने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इसकी जांच की जाएगी
Prayagraj News : डॉ. अजय कुमार सोनकर ने बताया कि माइक्रो प्लास्टिक पर चल रहे शोध में नई जानकारियां लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में पता चला है कि वाहनों के टायरों की उम्र बढ़ाने के लिए अब प्लास्टिक का उपयोग किया जाने लगा है, जबकि पहले ये टायर रबर और कपड़े से बनते थे। इसके अलावा, जूतों और चप्पलों के सोल में भी प्लास्टिक का उपयोग बढ़ रहा है।

हरित सड़क बनाने में प्लास्टिक कचरे का उपयोग
सिंगापुर में गैर पुनर्चक्रण प्लास्टिक (Non-recyclable plastic) कचरे का उपयोग करके हरित सड़क बनाने की योजना की खबर जब सिंगापुर के एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई, तो वहां के वैज्ञानिकों ने प्रयागराज के वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. अजय सोनकर से संपर्क किया। डॉ. सोनकर ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस योजना के संभावित खतरों के बारे में चेताया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इसकी जांच की जाएगी।

सिंगापुर की हरित सड़क पर उठा सवाल
डॉ. अजय सोनकर माइक्रोप्लास्टिक पर कई वर्षों से शोध कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके शोध को काफी सराहा गया है। हाल ही में, जब सिंगापुर के एक समाचार पत्र में यह खबर आई कि वहां गैर पुनर्चक्रणीय प्लास्टिक से हरित सड़क बनाई जाएगी, तो सिंगापुर के कुछ वैज्ञानिकों ने उनसे संपर्क किया। डॉ. सोनकर ने आगे कहा कि उनके शोध में लगातार नई जानकारियां सामने आ रही हैं। हाल ही में यह पता चला है कि वाहनों के टायरों की उम्र बढ़ाने के लिए अब उनमें प्लास्टिक का उपयोग किया जाने लगा है, जबकि पहले टायर रबर और कपड़े से बनाए जाते थे। इसके अलावा, जूतों और चप्पलों के सोल में भी प्लास्टिक का प्रयोग बढ़ रहा है।

घर्षण से बढ़ता माइक्रोप्लास्टिक और स्वास्थ्य पर खतरा
वाहन चलाते समय या पैदल चलते वक्त घर्षण के कारण माइक्रोप्लास्टिक तेजी से उत्पन्न हो रहा है। गैर पुनर्चक्रण प्लास्टिक का उपयोग कर बनी हरित सड़कें इस प्रक्रिया को और भी तेज कर देंगी। यह माइक्रोप्लास्टिक रक्त प्रवाह के माध्यम से फेफड़ों, दिल और मस्तिष्क में तेजी से पहुंच रहा है, जिसके कारण ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक और दमा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इसके अलावा, यह कैंसर जैसे गंभीर रोगों का कारण भी बन सकता है।

माइक्रोप्लास्टिक से पर्यावरण और स्वास्थ्य को बड़ा खतरा
पेड़-पौधों के डीएन तक डैमेज हो रहे हैं। सिंगापुर जैसे हरे-भरे देश को माइक्रोप्लास्टिक के गंभीर खतरों का सामना करना पड़ेगा। गैर पुनर्चक्रण प्लास्टिक का इस्तेमाल करके हरित सड़कें बनाना आत्मघाती कदम के समान है। डॉ. सोनकर ने अपने पत्र में इन खतरों की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की और प्रधानमंत्री कार्यालय को संबंधित डेटा उपलब्ध कराया।

पीएमओ का डॉ. सोनकर को धन्यवाद
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से डॉ. सोनकर को भेजे गए जवाबी पत्र में अहम जानकारी और डेटा उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया है। पत्र में बताया गया है कि उनके द्वारा प्रस्तुत डेटा का विश्लेषण किया जाएगा और इसे संबंधित एजेंसी के पास भेजा जाएगा। डॉ. अजय ने उम्मीद जताई है कि सिंगापुर सरकार पर्यावरण के प्रति हानिकारक ऐसी परियोजनाओं को अनुमति नहीं देगी।

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