यूपी के प्रतापगढ़ जिले के महेशगंज थाना क्षेत्र के शिवगढ़तूरी मजरे मछेहा हरदोपट्टी में शनिवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे का एचटी लाइन का तार स्पर्श कर गया। इस हादसे में करीब आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से झुलस गए...
दशहरा उत्सव में छाया मातम : मूर्ति विसर्जन के समय डीजे में दौड़ा करंट, दो लोगों की मौत, आधा दर्जन गंभीर
Oct 12, 2024 21:48
Oct 12, 2024 21:48
यह भी पढ़ें- Gorakhpur News : विजयादशमी पर विशेष परिधान में सीएम योगी ने मां जगतजननी की पूजा की, गोरखनाथ मंदिर में अनुष्ठान सम्पन्न
घायलों और मृतकों की पहचान
सूचना मिलने पर एएसपी पश्चिमी संजय राय और एसडीएम कुंडा भरत राम मौके पर पहुंच गए। घायलों में सुनील कुमार गौतम (35 वर्ष), गाजी सरोज (55 वर्ष) और दिवाकर (19 वर्ष) शामिल हैं, सभी शिवगढ़तूरी मजरे मछेहा हरदोपट्टी के निवासी हैं और उनका इलाज चल रहा है। इसके अलावा, रंजीत सरोज (25 वर्ष) और अरुण सिंह की भी मौत हो गई, जो बदगवा और मछेहा हरदोपट्टी के निवासी थे।
शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है दशहरा
बता दें कि हिंदू धर्म में दशहरे का त्योहार विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और इस साल यह 12 अक्तूबर यानी आज मनाया गया। दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है और इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है, जो इस बात का प्रतीक है कि भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। यह त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है दशहरा
दशहरा के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, जब वह 14 वर्षों का वनवास काट रहे थे। इस दौरान रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया। राम और लक्ष्मण ने मिलकर माता सीता की खोज शुरू की। उनकी खोज के दौरान उनकी मुलाकात हनुमान जी से हुई, जिन्होंने माता सीता का पता लगाने में सहायता की। इसके बाद राम और रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ। राम जी ने रावण पर विजय पाने के लिए नौ दिनों तक देवी की उपासना की और दसवें दिन रावण से युद्ध कर उसका वध किया। इस घटना के बाद से हर साल नवरात्रि के दशवें दिन दशहरा मनाने की परंपरा शुरू हुई। रावण का वध करके राम ने पृथ्वी को उसके अत्याचारों से मुक्त किया। इस पर्व को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है।
Also Read
22 Nov 2024 08:36 PM
प्रयागराज महाकुंभ में देश भर की समृद्ध कला, संस्कृति और आध्यात्म का संगम देखने को मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने इस महापर्व को भारतीय संस्कृति का दर्पण बनाने के लिए विशेष आयोजन की योजना बनाई है... और पढ़ें