महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर प्रयागराज में जल शुद्धिकरण को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशानुसार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा एक विस्तृत जल गुणवत्ता सर्वेक्षण किया जाएगा।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 : गंगा जल की शुद्धता के लिए हुई अहम बैठक, मुख्य सचिव ने घरों और संस्थानों को सीवर लाइन से जोड़ने के दिए निर्देश
Nov 13, 2024 13:49
Nov 13, 2024 13:49
बैठक में एसटीपी की कार्यप्रणाली की समीक्षा
मंगलवार को नैनी एसटीपी सभागार में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में नालों के शत-प्रतिशत शोधन और बीओडी/सीओडी स्तरों के नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रयागराज में स्थित सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई।
गंगा-यमुना में नहीं मिले अशोधित जल
शहर में बिछी 1450 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन को सभी घरों और संस्थानों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी अशोधित जल सीधे गंगा-यमुना में नहीं मिलना चाहिए। अनटैप्ड नालों के जल को बायो रिमेडिएशन और जियो ट्यूब के माध्यम से शोधित किया जाएगा।
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महाकुंभ-2025 के लिए स्वीकृत परियोजनाओं में गंगा प्रदूषण इकाई की 5 परियोजनाएं शामिल हैं, जिनमें 15 नालों की टैपिंग का कार्य प्रमुख है। जलनिगम नगरीय द्वारा 2 अतिरिक्त नालों की टैपिंग का कार्य किया जा रहा है। इन कार्यों के पूर्ण होने के बाद प्रयागराज के सभी 81 नाले टैप हो जाएंगे।
शोधित जल की गुणवत्ता की नियमित जांच होगी
वर्तमान में 39 अनटैप्ड नालों में से 22 की टैपिंग को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, जबकि शेष 17 नालों की टैपिंग कुंभ मेला निधि से की जाएगी। शोधित जल की गुणवत्ता की नियमित जांच थर्ड पार्टी एजेंसियों द्वारा की जाएगी और इसका प्रमाण पत्र मुख्य सचिव को प्रस्तुत किया जाएगा। यह व्यापक योजना महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को स्वच्छ और पवित्र गंगा जल उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और अपने विचार रखे।
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