महाकुंभ 2025 की दिव्यता और भव्यता को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में संत समाज के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ की विशेषता संत समाज से है।
संत समाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सनातन धर्मध्वज का रक्षक बताते हुए उनके नेतृत्व की सराहना की।
उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ पहले मुख्यमंत्री हैं, जो महाकुंभ के विषय में संत समाज से सीधे संवाद कर रहें हैं।
पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार और मेला प्रशासन ने व्यापक प्रयास किए हैं।
Prayagraj News : महाकुंभ 2025 की दिव्यता और भव्यता को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में संत समाज के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ की विशेषता संत समाज से है, जबकि सरकार और प्रशासन केवल आयोजन के सहयोगी हैं। उन्होंने संतों को आश्वासन दिया कि उनकी हर अपेक्षा और आवश्यकता को पूरा करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
संत समाज से संवाद: महाकुंभ की तैयारी और अपेक्षाएं
शनिवार को मुख्यमंत्री ने संगम क्षेत्र में सभी 13 अखाड़ों, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा, आचार्यबाड़ा परंपरा और तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 13 दिसंबर को प्रयागराज आगमन प्रस्तावित है। इस दौरान प्रधानमंत्री संगम पूजन करेंगे और महाकुंभ 2025 के लिए स्वच्छ, सुरक्षित, और सुव्यवस्थित आयोजन को सुनिश्चित करने हेतु हजारों करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री ने संत समाज से प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम में गौरवपूर्ण उपस्थिति का आह्वान किया, जिसका संतों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया।
गंगा-यमुना की अविरलता और निर्मलता पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस बार गंगा के पानी के देर से उतरने के कारण कुछ कार्य प्रभावित हुए हैं, लेकिन पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार और मेला प्रशासन ने व्यापक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले हर श्रद्धालु और संत को अविरल-निर्मल गंगा-यमुना का दर्शन मिलेगा। साथ ही, उन्होंने संत समाज से इस प्रयास में सहयोग की अपेक्षा जताई।
महाकुंभ 2025 भव्यता और दिव्यता पर संतों की प्रतिक्रिया
संत समाज ने महाकुंभ की तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया। विभिन्न अखाड़ों और परंपराओं के प्रतिनिधियों ने कहा कि मेला क्षेत्र की तैयारियों को देखकर यह स्पष्ट है कि महाकुंभ-2025, कुंभ 2019 से भी अधिक भव्य और दिव्य होगा। संतों ने भूमि आवंटन, शिविरों की लोकेशन, स्वच्छता, घाटों के नामकरण, यातायात प्रबंधन और सहायता राशि जैसी व्यवस्थाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इन मुद्दों को गंभीरता से सुनते हुए समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
संत समाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सनातन धर्मध्वज का रक्षक बताते हुए उनके नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ पहले मुख्यमंत्री हैं, जो महाकुंभ के विषय में संत समाज से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं और सुझावों को लिपिबद्ध कर रहे हैं। संतों ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आयोजित महाकुंभ-2025 पूरे विश्व को शांति का संदेश देगा और सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा को उजागर करेगा। संत समाज ने इसमें अपना पूर्ण योगदान देने का आश्वासन दिया।
महाकुंभ 2025 की तैयारियों का निष्कर्ष
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ-2025 की सफलता पूर्वजों की कृपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन, और संत समाज के आशीर्वाद से ही संभव है। उन्होंने सभी संतों से आग्रह किया कि वे मेला प्रशासन को मार्गदर्शन देते रहें ताकि आयोजन निर्विघ्न और भव्य रूप से संपन्न हो सके। महाकुंभ 2025, जहां संत समाज, सरकार और श्रद्धालुओं का समर्पण और सहयोग एक भव्य आयोजन का साक्षी बनेगा, सनातन संस्कृति को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देने का प्रयास करेगा।