राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का नया पाठ्यक्रम: 30 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश की संस्कृति, इतिहास, भूगोल और प्रमुख हस्तियों पर आधारित होगा

30 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश   की संस्कृति, इतिहास, भूगोल और प्रमुख हस्तियों पर आधारित होगा
UPT | राजर्षी टंडन मुक्त विश्वविद्यालय।

Sep 16, 2024 17:13

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने अपने विद्यार्थियों के लिए नया पाठ्यक्रम जारी करने के लिए योजना बनाई है। इस पाठ्यक्रम का 30 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश के इतिहास और भूगोल पर होगा।

Sep 16, 2024 17:13

Short Highlights
  • प्रदेश भर में 12 क्षेत्रीय केंद्र और 1425 अध्ययन केंद्र हैं, ऐसे में इस योजना का लाभ प्रदेश भर के युवाओं को मिलेगा 
  • विषम सेमेस्टर का पाठ्यक्रम तैयार कराया जा चुका है और साल के अंत तक सम सेमेस्टर का पाठ्यक्रम भी तैयार करा लिया जाएगा
Prayagraj News : उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने अपने विद्यार्थियों के लिए एक नया और अनूठा पाठ्यक्रम तैयार करने की योजना बनाई है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य शिक्षार्थियों को उत्तर प्रदेश के इतिहास और भूगोल के बारे में गहन जानकारी प्रदान करना है। इसके साथ ही, यह पाठ्यक्रम उन अभ्यर्थियों के लिए भी उपयोगी साबित होगा, जो पीसीएस (प्रांतीय सिविल सेवा) परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। पाठ्यक्रम का 30 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश की संस्कृति, इतिहास, भूगोल और प्रमुख विभूतियों पर आधारित होगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सत्यकाम ने बताया कि यह पाठ्यक्रम दिसंबर तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।

दिसंबर तक लागू होगा नया पाठ्यक्रम
राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का यह नया पाठ्यक्रम दिसंबर के अंत तक पूरी तरह लागू हो जाएगा। इस पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय की अपनी फैकल्टी द्वारा तैयार किया जा रहा है, जिससे शिक्षार्थियों को किसी अन्य संस्थान का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। वर्तमान में विषम सेमेस्टर का पाठ्यक्रम तैयार किया जा चुका है, और साल के अंत तक सम सेमेस्टर का पाठ्यक्रम भी पूरा हो जाएगा। कुलपति प्रो. सत्यकाम ने कहा कि इस पाठ्यक्रम को पूरी तरह से विश्वविद्यालय के अपने संसाधनों से तैयार किया जा रहा है, जो छात्रों के लिए अत्यधिक लाभकारी होगा। 

सिविल सेवा परीक्षा के लिए अलग से होगा विशेष पाठ्यक्रम
राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने एक और महत्वपूर्ण योजना बनाई है, जिसमें संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (PCS) की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए विशेष पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम छह महीने से एक साल तक की अवधि का हो सकता है। विश्वविद्यालय इस प्रस्ताव को जल्द ही यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) को भेजेगा। इस विशेष पाठ्यक्रम से प्रदेश के युवाओं को सिविल सेवा परीक्षाओं की बेहतर तैयारी का अवसर मिलेगा।

यूपी के इतिहास और भूगोल पर विशेष फोकस
नए पाठ्यक्रम में उत्तर प्रदेश के इतिहास, भूगोल, संस्कृति, लोककला, स्वतंत्रता संग्राम में प्रदेश की भूमिका, और प्रमुख विभूतियों की जानकारी दी जाएगी। पाठ्यक्रम का 30 प्रतिशत हिस्सा यूपी पर केंद्रित होगा, जिससे छात्र न केवल अपने राज्य के बारे में अधिक जान सकेंगे, बल्कि यह उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मदद करेगा। इस योजना से पूरे प्रदेश के शिक्षार्थियों को लाभ होगा, क्योंकि विश्वविद्यालय के 12 क्षेत्रीय केंद्र और 1425 अध्ययन केंद्र हैं, जो इस पाठ्यक्रम को सभी तक पहुंचाएंगे। 

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का यह कदम प्रदेश के शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगा। 

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