समीक्षा अधिकारी (RO) सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक पर विवाद हुआ , जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग...
पेपर लीक का मामला : लोक सेवा आयोग ने 58 जिलों के नोडल अफसरों से मांगी रिपोर्ट
Feb 22, 2024 14:54
Feb 22, 2024 14:54
- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की आंतरिक जांच समिति तेजी से आगे बढ़ रही है
- परीक्षा से पहले प्रश्नपत्रों की उत्तरकुंजी हुई थी वायरल
- परीक्षा केंद्र से पेपर आउट होने की आशंका
- परीक्षा केंद्र के बाहर से पेपर लीक के नहीं मिले साक्ष्य
परीक्षा से पहले प्रश्नपत्रों की उत्तरकुंजी हुई थी वायरल
लोक सेवा आयोग के सूत्रों के अनुसार अब तक जो कुछ भी साक्ष्य सामने आए हैं। और कुछ साक्ष्य अभ्यर्थियों की ओर से उपलब्ध कराए गए हैं। उनके अनुसार दोनों पालियों के प्रश्नपत्रों की उत्तरकुंजी परीक्षा शुरू होने से पहले व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल की गई थी। और प्रथम प्रश्नपत्र की जो उत्तरकुंजी वायरल की गई, उसमें वैकल्पिक प्रश्नों के कुछ जवाब सही और कुछ जवाब गलत थे।
परीक्षा केंद्र से पेपर आउट होने की आशंका
वहीं दूसरी पाली में हिंदी के प्रश्नपत्र में केवल 28 सवालों के वैकल्पिक उत्तर सही थे। और बाकी सवालों के जवाब गलत थे। अगर प्रश्नपत्र आयोग के स्तर से या प्रिंटिंग प्रेस के स्तर से आउट होता तो एक दिन पहले ही अभ्यर्थियों तक पहुंच गया होता और सभी सवालों के जवाब भी सहीं होते। सूत्रों के अनुसार अब तक हुई जांच में सामने आए इन तथ्यों के आधार पर माना जा रहा है कि अगर पेपर आउट हुआ है तो यह परीक्षा केंद्र के स्तर से हो सकता है।
परीक्षा केंद्र के बहार से पेपर लीक के नहीं मिले साक्ष्य
इस बात के कोई ठोस साक्ष्य सामने नहीं आया है कि पेपर परीक्षा केंद्र के स्तर से बाहर आया। वायरल हुए दोनों पेपर लाखों मोबाइल फोन तक पहुंचे, इसलिए इसकी जड़ तलाशने में अभी वक्त लगेगा। आरओ और एआरओ प्रारंभिक परीक्षा प्रदेश के 58 जिलों के 2387 केंद्रों में आयोजित की गई थी। ऐसे में आयोग अपने एक-एक केंद्र को खंगाल रहा है। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए सभी 58 जिलों के नोडल अफसरों से रिपोर्ट मांगी गई है।
स्थानीय प्रशासन से की जा रही है पूछताछ
स्थानीय प्रशासन से पूछा गया है कि किस केंद्र में पेपर कितने बजे पहुंचा और पेपर का बंडल कब खोला गया। और इस पूरी प्रक्रिया की सीसीटीवी फुटेज भी मांगी गई है। प्रश्नपत्रों को कोषागार में सुरक्षित रखवाने से लेकर वहां से निकलवाने और परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने तक स्थानीय प्रशासन के जिम्मे होता है। और इसमें आयोग की कोई भूमिका नहीं होती है। इसलिए सभी 58 जिलों के स्थानीय प्रशासन से भी संपर्क किया जा रहा है। ताकि जल्द से जल्द रिपोर्ट जांच किसी निष्कर्ष तक पहुचेंगे।
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