थप्पड़ कांड : NGO उठाएगी पीड़ित छात्र की पढ़ाई का पूरा खर्च, सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश

NGO उठाएगी पीड़ित छात्र की पढ़ाई का पूरा खर्च, सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश
UPT | थप्पड़ कांड

Jul 27, 2024 14:02

मुजफ्फरनगर के गांव खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में हुए थप्पड़ प्रकरण में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। BSA भी पेश हुए। बताया गया कि बच्‍चे की पढ़ाई का जिम्‍मा एक NGO ने लिया है।

Jul 27, 2024 14:02

Muzaffarnagar News : यूपी के मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव के नेहा पब्लिक स्कूल में हुए थप्पड़ प्रकरण पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बीएसए संदीप कुमार कोर्ट में उपस्थित रहे। न्यायालय ने पीड़ित छात्र की शारदेन स्कूल में शिक्षा जारी रखने का आदेश दिया और स्कूल खर्च के लिए प्रायोजक खोजने को कहा। बीएसए ने एक एनजीओ से छात्र की आगे की पढ़ाई और परिवहन खर्च की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली है। अगली सुनवाई 2 सितंबर को निर्धारित की गई है। 

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यह है पूरा मामला
मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में 25 अगस्त 2023 को प्रधानाचार्य तृप्ता त्यागी ने पीड़ित छात्र को अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवाए थे। दो का पहाड़ा नहीं सुनाने पर लगवाए गए थप्पड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। तुषार गांधी ने इस मामले की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की। शुक्रवार को हुई सुनवाई में, कोर्ट ने बीएसए को निर्देश दिए कि पीड़ित छात्र की पढ़ाई शारदेन स्कूल में जारी रखी जाए। साथ ही, छात्र के शैक्षणिक खर्च के लिए प्रायोजक खोजने को कहा गया। बीएसए संदीप कुमार ने बताया कि शहीद मुर्तजा सामाजिक संगठन ने छात्र का खर्च उठाने की पेशकश की है। 



अब तक 11 बार हो चुकी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अब तक 11 सुनवाइयां हो चुकी हैं। इन सुनवाइयों के दौरान मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को भी कोर्ट में उपस्थित होना पड़ा। न्यायालय के हस्तक्षेप से पीड़ित छात्र को विशेषज्ञों द्वारा मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान किया गया और उसे शहर के प्रतिष्ठित शारदेन स्कूल में दाखिला दिलाया गया। छात्र की शिक्षा का सारा खर्च बीएसए विभाग वहन कर रहा है।

NGO उठाएगी पूरा खर्च
बीएसए संदीप कुमार ने बताया कि पीड़ित छात्र की शिक्षा और परिवहन खर्च के लिए एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ने मदद का प्रस्ताव दिया है। शहीद मुर्तजा सामाजिक संगठन नामक यह एनजीओ इस खर्च को वहन करने को तैयार है, लेकिन उसने एक शर्त रखी है। संगठन का कहना है कि अगर छात्र का परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं रहा, तो वे अपना समर्थन वापस ले सकते हैं। इस मुद्दे पर बीएसए और एनजीओ के बीच चर्चा जारी है। 

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इतना होगा महीने का खर्च
पीड़ित छात्र की शिक्षा और परिवहन पर प्रति माह लगभग पांच हजार रुपये का खर्च आ रहा है। बीएसए विभाग वर्तमान में छात्र को 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से परिवहन खर्च प्रदान कर रहा है। इसके अतिरिक्त, विद्यालय की फीस और अन्य गतिविधियों के खर्च को मिलाकर कुल मासिक व्यय पांच हजार रुपये के आसपास पहुंच जाता है।

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