तहसील परिसर में धरने पर बैठे थे किसान : हुक्का पीते देख भड़कीं एसडीएम, बोलीं- हटा लो, नहीं तो जेल भेज दूंगी

हुक्का पीते देख भड़कीं एसडीएम, बोलीं- हटा लो, नहीं तो जेल भेज दूंगी
UPT | हुक्का पीते देख भड़कीं एसडीएम

Oct 10, 2024 20:55

सहारनपुर जिले की नकुड़ तहसील में धरने पर बैठे किसानों को एसडीएम ने चेतावनी दे दी है। एसडीएम ने धरने के दौरान हुक्का पी रहे किसानों को जेल भेजने की चेतावनी दी।

Oct 10, 2024 20:55

Short Highlights
  • तहसील परिसर में धरने पर बैठे थे किसान
  • हुक्का पीते देख भड़कीं एसडीएम
  • किसान यूनियन को नोटिस जारी
Saharanpur News : सहारनपुर जिले की नकुड़ तहसील में धरने पर बैठे किसानों को एसडीएम ने चेतावनी दे दी है। एसडीएम ने धरने के दौरान हुक्का पी रहे किसानों को जेल भेजने की चेतावनी दी। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। किसान यूनियन ने एसडीएम के व्यवहार की कड़ी आलोचना की है। वहीं प्रशासन की तरफ से किसान यूनियन के खिलाफ नोटिस जारी किया है।

धरने पर बैठे थे किसान
7 अक्टूबर को गंगोह ब्लॉक स्थित गांव नागल राजपूत के दर्जनों किसान नकुड़ तहसील में धरने पर बैठ गए थे। उनकी मांग थी कि गांव के तालाब से अवैध कब्जा हटाया जाए। इस दौरान जब एसडीएम संगीता राघव वहां पहुंचीं, तो किसान तहसील परिसर में ही धरने के दौरान हुक्का पी रहे थे। एसडीएम ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हुक्का यहां से नहीं उठाया गया, तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।



बिना अनुमति के बैठे किसान
एसडीएम संगीता राघव ने कहा कि वह जनसुनवाई कर रही थीं। वहां सूचना मिली कि कुछ लोग परिसर में हुक्का पी रहे थे। आकर देखा तो वाकई में कुछ लोग यहां बैठकर हुक्का पी रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी। वहीं किसानों ने धरना प्रदर्शन की कोई पूर्व सूचना भी नहीं दी थी और न ही उन्हें इसके लिए अनुमति मिली थी।

एसडीएम पर भड़का किसान यूनियन
इस पूरे मसले पर किसान यूनियन वेलफेयर ने एसडीएम पर अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगाया है। वेलफेयर की राष्ट्रीय अध्यक्ष रितु सैनी ने कहा कि एसडीएम का संतुलन बिगड़ा हुआ है और उन्हें इलाज की जरूरत है। सैनी ने कहा कि एसडीएम को छुट्टी पर भेज देना चाहिए। उन्होंने शांतिपूर्वक रूप से धरने पर बैठे किसानों से अपमानजनक व्यवहार किया।

किसान यूनियन को नोटिस जारी
एसडीएम का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें वह कहते हुए दिखाई दे रही हैं कि जो भी बात कहनी है, नियम के तहत कहिए। ये कोई तरीका नहीं है। उन्होंने अपने कर्मचारियों से धरने पर बैठे किसानों का नाम नोट करने का भी आदेश दिया। पूरे मामले में प्रशासन ने किसान यूनियन के खिलाफ नोटिस जारी किया है। इसमें किसानों से पूछा गया है कि बिना अनुमति के धरना क्यों दिया गया।

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