शामली में हाईकोर्ट द्वारा प्रतिबंधित एक इमारत में नए नाम से अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया गया है। यह वही इमारत है, जहां पहले अयोग्य कर्मचारियों द्वारा गैर-कानूनी रूप से ऑपरेशन और रक्त चढ़ाने की घटनाएं सामने आई थीं।
हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन : कोर्ट के प्रतिबंध के बाद भी बनाया अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग पर लगा मिलीभगत का आरोप
Jan 18, 2025 11:43
Jan 18, 2025 11:43
हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन
इस इमारत के मालिक अर्जुन उप नरदेव सिंह मलिक ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर वादा किया था कि इमारत में न तो स्वास्थ्य सेवाएं संचालित होंगी और न ही चिकित्सा उपकरण रखे जाएंगे। कोर्ट के आदेशों का पालन न करने पर इमारत को जब्त करने का प्रावधान भी था। लेकिन नियमों और न्यायिक आदेशों को नजरअंदाज करते हुए, स्वास्थ्य विभाग की मदद से इस इमारत में नए नाम से अस्पताल खोल दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल
मामले में सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग, जिसे इस पर निगरानी रखनी चाहिए, उसने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अनिल कुमार से जब इस मामले पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई। हालांकि आरोपी अस्पताल संचालक की पूरी फाइल सीएमओ कार्यालय में मौजूद है। यह स्पष्ट करता है कि स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल संचालकों के बीच मिलीभगत हो सकती है।
मामले का इतिहास
इस इमारत का इतिहास विवादों से भरा हुआ है। इससे पहले यहां अयोग्य कर्मचारियों द्वारा मरीजों का इलाज और रक्त चढ़ाने जैसे गैर-कानूनी कार्य किए जाते थे। इन घटनाओं के उजागर होने के बाद तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने हस्तक्षेप किया था, जिसके चलते पूरी इमारत को सील कर दिया गया।
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