मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं में ठंड पर आस्था भारी नजर आई। जहां काशी के सात किलोमीटर लंबे अर्धचंद्राकार घाटों की श्रृंखला में मकर संक्रांति पर्व पर ठंडे मौसम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा।
मकर संक्रांति : ठंड पर आस्था भारी, काशी के घाटों पर उमड़ा जनसैलाब
Jan 15, 2024 11:37
Jan 15, 2024 11:37
- श्रद्धालुओं ने घाटों पर स्नान के बाद किया दान पुण्य
- वस्त्र, तिल और द्रव्य दान करने से मिलता है पुण्य
निगरानी पर एनडीआरएफ की टीम
ज्योतिष के अनुसार सूर्य जब धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है, तो मकर संक्रांति होती है। इस बार की संक्रांति का योग अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा में काफी सहायक है। जोतिषी गड़ना के अनुसार भारत समृद्धि की ओर अग्रसर होगा। देश में राजा का राजकाज सभी के हित में और मनमोहन होगा। वहीं मकर संक्रांति के महापर्व पर काशी में लाखों लोग मां गंगा में डुबकी लगाने पहुंचे। जहां श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर रामनगर से राजघाट के बीच एनडीआरएफ की दर्जनों मोटर बोट गश्त लगाती दिखीं। साथ ही जल पुलिस की टीम लगातार सुरक्षा और सहयोग के मध्येनजर माइक में एनाउंस भी करती रही। कुछ घाटों पर मेडिकल कैंप भी लगाया गया। बुजुर्गों को ज्यादा समय ठंड में न रहने की सलाह भी दी जा गई। एसीपी अवधेश पांडे ने बताया कि ज्यादातर श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन को जा रहे हैं। किसी को कोई परेशानी न हो इसका ख्याल रखा जा रहा है।
क्या कहती है ज्योतिष गणना
ज्योतिषी के अनुसार भगवान भास्कर सुबह 9.13 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषाचार्य आचार्य शैलेश ने बताया कि अगले 30 दिनों में भारत की छवि इंटरनेशनल लेवल पर धार्मिक पहचान को बहुत तेजी से बढ़ाएगी। भारत एकजुटता की ओर अग्रसर होगा। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद भारत के बाहर विदेशों में भी लोगों में प्रभु श्रीराम के प्रति लगाव बढ़ेगा। विदेशियों का रुझान भी प्रभु श्रीराम और भारत की ओर होगा। जिसके साथ ही शांति और त्याग का मार्ग मिलेगा।
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