विकसित भारत 2024 और वोकल फॉर लोकल विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता : स्वदेशी सोच और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर

स्वदेशी सोच और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर
UPT | वाद विवाद प्रतियोगिता में शामिल छात्र व अन्य।

Sep 28, 2024 22:50

हिंदू इंटर कॉलेज जमानिया में "विकसित भारत 2024" और "वोकल फॉर लोकल" विषय पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने दोनों ही विषयों पर गहन चर्चा की।

Sep 28, 2024 22:50

Ghazipur News : हिंदू इंटर कॉलेज जमानिया में "विकसित भारत 2024" और "वोकल फॉर लोकल" विषय पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने दोनों ही विषयों पर गहन चर्चा की। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ की गई। प्रतियोगिता की प्रारंभिक जानकारी और रूपरेखा डॉ. ऋचा राय ने प्रस्तुत की, जिन्होंने छात्रों को विषय से अवगत कराया और उनके बीच उत्सुकता का समाधान भी किया।

विकसित भारत 2024 पर विचार
प्रतियोगिता के दौरान, छात्रों ने बताया कि भारत आज अपने नवीनतम अनुसंधानों, विज्ञान और तकनीकी उन्नति के कारण तेजी से प्रगति कर रहा है। भारत शिक्षा, चिकित्सा और संचार के क्षेत्र में बड़े सुधारों के साथ आगे बढ़ रहा है। छात्रों ने अपने विचार रखते हुए बताया कि "विकसित भारत 2024" की परिकल्पना साकार करने के लिए हमें स्वदेशी सोच और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता है।

डॉ. ऋचा राय ने बताया कि भारत आज हर क्षेत्र में अपने पांव जमा रहा है और अपने दूरदृष्टि के कारण तेजी से विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता ही एक मजबूत और विकसित भारत की नींव है, जिसमें अपने संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करना प्रमुख भूमिका निभाता है।

वोकल फॉर लोकल की महत्ता
प्रतियोगिता में "वोकल फॉर लोकल" विषय पर भी गहन चर्चा हुई, जिसमें छात्रों ने स्थानीय उत्पादों और उद्योगों की महत्वता पर जोर दिया। अध्यापिका पूनम सोलंकी ने अपने वक्तव्य में कहा कि अगर हम अपने देशी उत्पादों को अपनाते हैं और विदेशी उत्पादों का त्याग करते हैं, तो इससे न केवल स्थानीय उद्योगों को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पिज्जा, बर्गर जैसी विदेशी खाद्य पदार्थों की जगह हमें अपने पारंपरिक भारतीय व्यंजनों को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे स्थानीय लोगों को फायदा होगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

अध्यापक जगदीश सिंह ने कहा कि अगर हम अपने स्थानीय बाजारों और उत्पादों को बढ़ावा देते हैं, तो यह स्थानीय मांग की आपूर्ति को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत को विकासशील से विकसित राष्ट्र की दिशा में तेजी से अग्रसर करेगा। 

छात्रों की सराहनीय प्रस्तुति
इस अवसर पर, डॉ. राजकुमार, डॉ. जितेंद्र सिंह यादव, मोनिका सिंह और प्रीति सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि "विकसित भारत 2024" और "वोकल फॉर लोकल" एक-दूसरे के पूरक हैं और यदि भारत इन विचारों पर अमल करता है, तो निश्चित रूप से वह वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख राष्ट्र के रूप में उभरेगा।

छात्र-छात्राओं की प्रस्तुति अत्यंत सराहनीय रही
वाद-विवाद प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं की प्रस्तुति अत्यंत सराहनीय रही। उन्होंने न केवल तर्कपूर्ण विचार प्रस्तुत किए, बल्कि भारत के भविष्य के प्रति आशावादी दृष्टिकोण भी प्रदर्शित किया।

 आगामी प्रतियोगिताएं
30 सितंबर को व्यापक स्तर पर इसी प्रकार की और भी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। इस आयोजन में कॉलेज के सभी अध्यापक और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे, जिन्होंने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और इसे सफल बनाने में अपना योगदान दिया। 

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