बदलता उत्तर प्रदेश : सौर ऊर्जा की रोशनी से चमकेंगे गाजीपुर जनपद के सरकारी और अर्द्धसरकारी भवन, नेडा विभाग ने की तैयारी

सौर ऊर्जा की रोशनी से चमकेंगे गाजीपुर जनपद के सरकारी और अर्द्धसरकारी भवन, नेडा विभाग ने की तैयारी
UPT | सौर ऊर्जा

Aug 30, 2024 13:28

उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजीपुर जनपद में एक योजना की घोषणा की है जिसके तहत राज्य के सभी सरकारी और अर्धसरकारी भवनों को सौर ऊर्जा से जगमगाने का लक्ष्य रखा गया है।

Aug 30, 2024 13:28

Ghazipur News : उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजीपुर जनपद में एक योजना की घोषणा की है जिसके तहत राज्य के सभी सरकारी और अर्धसरकारी भवनों को सौर ऊर्जा से जगमगाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार की ओर से यह पहल रिन्यूएबल और ग्रीन एनर्जी के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए की गई है। उत्तर प्रदेश के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपी नेडा) के निदेशक की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, इन भवनों की छतों पर सोलर रूफ टॉप संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि संबंधित विभागों को इस योजना के तहत कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ेगा, जिससे यह पहल और भी आकर्षक बन जाती है।

योजना की मुख्य बातें
इस योजना के अंतर्गत सरकारी और अर्द्धसरकारी भवनों की छतों पर सोलर रूफ टॉप संयंत्र लगाए जाएंगे, जो इन विभागों को स्वच्छ और हरित ऊर्जा प्रदान करेंगे। इसके लिए संबंधित सरकारी विभागों को केवल अपनी छतें 25 वर्षों के लिए देनी होंगी, जिसके लिए एक अनुबंध किया जाएगा। यह अनुबंध न केवल सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि इन विभागों को आर्थिक रूप से भी लाभान्वित करेगा, क्योंकि इन्हें ऊर्जा की खपत के लिए बिजली निगम से भुगतान भी प्राप्त होगा।

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25 किलोवॉट लोड की शर्त
योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित सरकारी बिल्डिंग का न्यूनतम बिजली लोड 25 किलोवॉट और अधिकतम 2000 किलोवॉट होना आवश्यक है। सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली का उपभोग संबंधित सरकारी विभागों द्वारा किया जाएगा, जबकि अतिरिक्त बिजली ग्रिड में संग्रहित की जाएगी। इस अतिरिक्त बिजली के लिए बिजली निगम द्वारा भुगतान किया जाएगा, जिससे सरकारी विभागों को अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगी।

नेडा की तैयारी
यूपी नेडा के निदेशक की ओर से डीएम आर्यका अखौरी को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी भवनों की छतों पर सोलर रूफ टॉप संयंत्र स्थापित करने के शासनादेश का जिक्र किया गया है। इसके तहत, जिले में लगभग दो हजार सरकारी और अर्द्धसरकारी भवनों की छतों पर सौर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र और स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। 
नेडा विभाग जल्द ही इन भवनों की सूची तैयार करेगा और बिजली निगम के सहयोग से उन विभागों की पहचान करेगा जिनकी बिजली लोड क्षमता न्यूनतम 25 किलोवॉट है। इसके बाद सर्वे का कार्य प्रारंभ होगा, जिसके आधार पर सोलर रूफ टॉप संयंत्र की स्थापना की जाएगी।

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सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत भुगतान
उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत, 25 किलोवॉट से 200 किलोवॉट तक की बिजली उत्पादन पर बिजली निगम द्वारा 4.90 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान किया जाएगा। वहीं, 200 से 2000 किलोवॉट की बिजली उत्पादन पर 4.85 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान की व्यवस्था की गई है। 

नवीकरणीय ऊर्जा का लाभ
यह योजना न केवल सरकारी और अर्द्धसरकारी भवनों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करेगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सोलर ऊर्जा के उपयोग से बिजली की खपत में कमी आएगी और ग्रिड पर निर्भरता घटेगी। यह योजना जनपद के सरकारी ढांचे में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी प्रदान करेगी, जिससे सरकारी विभागों की ऊर्जा लागत में भी कमी आएगी।

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