पल्स पोलियो अभियान जो रविवार 8 दिसम्बर से शुरू होकर 13 दिसम्बर तक पूरे जनपद में एक वृहद अभियान के रूप में चलाया जाएगा।
Ghazipur News : साढ़े पांच लाख बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियो की खुराक, 8 दिसंबर से शुरू हो रहा है अभियान
Dec 07, 2024 22:45
Dec 07, 2024 22:45
Ghazipur News : पल्स पोलियो अभियान जो रविवार 8 दिसम्बर से शुरू होकर 13 दिसम्बर तक पूरे जनपद में एक वृहद अभियान के रूप में चलाया जाएगा। इस अभियान का शुभारंभ 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों को 'जिंदगी के दो बूंद' की खुराक देकर शुभारंभ किया जाएगा। 13 दिसम्बर तक चलने वाले इस अभियान के लिए जनपद में 5.5 लाख बच्चों को टारगेट किया गया है जिन्हें पल्स पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी।
पोलियो को जड़ से खत्म करना है
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार पांडे ने बताया कि यह कार्यक्रम 0 से 5 साल तक के बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस खुराक के पीने से बच्चों को पोलियो व अन्य बीमारियों से आसानी से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एक बार फिर से पूरे उत्साह के साथ पल्स पोलियो कार्यक्रम के माध्यम से पोलियो को जड़ से खत्म करने का ठाना है। उन्होंने बताया कि पल्स पोलियो के तहत जिंदगी के दो बूंद देने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। जो जनपद के 2009 बूथ के माध्यम से कार्यक्रम चलाया जाएगा। साथ ही सोमवार से शुक्रवार तक घर घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। वही छूटे हुए बच्चों को स्पेशल कार्यक्रम के तहत 16 दिसम्बर को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी।
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एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है वायरस
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ सुजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है जो वायरस से होती है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है। उन्होने बताया 2014 से अभी तक भारत में पोलियो के एक भी रोगी नहीं देखे गए। यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म के समय, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में दी जाती है। इसके बाद 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जाती है। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोका जा सकता है।
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64 मोबाइल टीम भी बनाई गई
इस चरण के लिए जन्म से पाँच वर्ष तक के 5.5 लाख सम्भावित बच्चों को पोलियोरोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस चरण के लिए जिले भर में 2009 बूथ बनाए गए हैं। साथ ही 64 मोबाइल टीम भी बनाई गई है। जिसके माध्यम से बूथ स्तर पर पोलियो अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही अभियान के 948 टीमें बनाए गए हैं जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगे। साथ ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 85 टीम ने बनाई गई हैं। पल्स पोलियो के कार्यक्रम को सकुशल निपटाने के लिए एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकत्री इसमें अपना सहयोग करेंगी।
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