आईआईटी बीएचयू में दिव्यांगों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए नई तकनीकें विकसित की जाएंगी, जिनमें आईओटी सेंसर, सॉफ्टवेयर और यूएवी सपोर्ट डिवाइस शामिल होंगे। इन उपकरणों पर रिसर्च जल्द ही जय चौधरी इनोवेशन सेंटर में शुरू होगी...
दिव्यांगों के लिए IIT BHU का अनूठा प्रयास : घर बैठे कर सकेंगे रिसर्च, टेक्नोसेवियों से मांगे गए आइडिया
Dec 26, 2024 15:48
Dec 26, 2024 15:48
ऑनलाइन आवेदन पत्र जारी
आईआईटी बीएचयू ने इन प्रोजेक्ट्स के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र जारी कर दिए हैं। दिलचस्प बात यह है कि कोई भी व्यक्ति घर बैठे इन परियोजनाओं पर काम कर सकता है और इंटर्न बन सकता है। इस परियोजना के तहत दृष्टिबाधित, गूंगे और बहरे लोगों के लिए संवाद, भाषण और बातचीत की नई तकनीकों पर नवाचार किया जाएगा। साथ ही, घर से स्कूल आने-जाने के लिए और अन्य परिवहन सुविधा के लिए भी नई परियोजनाएं तैयार की जाएंगी।
कार केबिन में साउंड सेंसर पर भी शोध
इसमें पर्किंसन रोग का पता लगाने के लिए टच एडिटर, ईसी स्किन और मोबाइल गेम्स का विकास किया जाएगा। इसके अलावा, कार केबिन में साउंड सेंसर पर भी शोध होगा। इन सभी कार्यों के लिए जावा, पाइथन और सी++ जैसी भाषाओं में कोडिंग की जानकारी होना जरूरी होगा। यह परियोजना दिव्यांगों की सहूलियत के लिए कई नई तकनीकों का विकास करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
ये चीजें होंगी आवश्यक
प्रोजेक्ट के लिए चयनित आइडिया के आधार पर, संस्थान द्वारा इंटर्नशिप के लिए अभ्यर्थियों को कॉल लेटर भेजे जाएंगे। ये प्रशिक्षु सेंसर आधारित डिवाइस के लिए प्रोग्राम पर काम करेंगे। यह कार्य घर से ही किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए बीटेक डिग्री और लैपटॉप या कंप्यूटर की आवश्यकता होगी। प्रशिक्षुओं को जावा, पाइथन और सी++ में कोडिंग की जानकारी जरूरी होगी, ताकि वे इन नवाचारों के विकास में योगदान कर सकें।
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