बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन : वाराणसी में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता उतरे सड़क पर, साधु-संत भी हुए शामिल  

वाराणसी में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता उतरे सड़क पर, साधु-संत भी हुए शामिल  
UPT | बांग्लादेश के विरोध में मार्च निकालते लोग।

Dec 03, 2024 19:02

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार रोकने की मांग पर वाराणसी में बीजेपी और हिंदू संगठनों ने पदयात्रा कर प्रदर्शन किया। साधु-संत और पार्टी पदाधिकारियों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा, अत्याचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

Dec 03, 2024 19:02

Varanasi News : बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे अत्याचार और हिंसा को रोकने की मांग को लेकर मंगलवार को वाराणसी में हिंदूवादी संगठनों और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पदयात्रा और धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में स्थानीय साधु-संत भी शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन नदेसर से शुरू होकर जिला मुख्यालय पर ज्ञापन देने के साथ समाप्त हुआ।



हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में जुटा जनसमूह
वाराणसी में हुए इस प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों पर जबरदस्त विरोध दर्ज कराया। वाराणसी के महापौर अशोक कुमार तिवारी ने बांग्लादेश की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वहां हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में हिंदुओं को मारा-पीटा जा रहा है, इस्कॉन मंदिर के पुजारियों को जेल में डाला जा रहा है, और व्यवसायिक परिवारों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।" महापौर ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से हिंदू समुदाय के बीच गहरी नाराजगी है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के कुछ नेता छोटी-छोटी घटनाओं पर टिप्पणी करते हैं, लेकिन बांग्लादेश में इतनी गंभीर घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। 

बीजेपी नेताओं ने दिया सख्त संदेश
वाराणसी के बीजेपी जिला अध्यक्ष और एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश को चेतावनी देते हुए कहा, "अगर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार बंद नहीं हुए, तो बांग्लादेश को इसका परिणाम भुगतना होगा।" उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भारत का अंग था और जरूरत पड़ी तो यह फिर से भारत का हिस्सा बन सकता है। उन्होंने संभल की घटना पर विपक्षी नेताओं के बयानों का जिक्र करते हुए कहा, "प्रदेश में दंगा फैलाने का काम कौन करता है, यह सभी जानते हैं। सरकार दूध का दूध और पानी का पानी करेगी।"

संत समाज ने किया विरोध प्रदर्शन 
पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर बालक संतोष दास ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के मठ और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हिंदू अल्पसंख्यक हैं और उनकी सरकार उनका साथ नहीं दे रही है। मठ-मंदिरों को बंद किया जा रहा है और रामकृष्ण मिशन जैसे संगठनों पर बैन लगाने की कोशिश की जा रही है।" उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता इस पर चुप हैं। उन्होंने तीखा बयान देते हुए कहा, "अगर एक मौलवी पर कोई घटना होती है, तो यह लोग बवाल मचा देते हैं, लेकिन हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार पर ये लोग मौन हैं।"

अखिलेश यादव पर तीखा हमला
संभल की घटना को लेकर बालक संतोष दास ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "अखिलेश सिर्फ नाम के हिंदू हैं, असल में वे मुसलमानों के हितों की बात करते हैं। वे हिंदू धर्म से जुड़े मुद्दों पर हमेशा चुप रहते हैं और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हैं।"

संगठनों ने जताई एकजुटता
प्रदर्शन के दौरान उपस्थित साधु-संतों और कार्यकर्ताओं ने कहा कि हिंदू समाज को ऐसे अत्याचारों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। बांग्लादेश में हो रही घटनाओं के प्रति सभी ने गहरी चिंता व्यक्त की और वहां के हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की।

ज्ञापन सौंपकर प्रदर्शन समाप्त
धरना प्रदर्शन के अंत में प्रदर्शनकारियों ने जिला मुख्यालय पर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाकर वहां हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

वाराणसी में हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन: बांग्लादेश में अत्याचार पर नाराजगी
वाराणसी। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंसा के खिलाफ वाराणसी में मंगलवार को हिंदू संगठनों और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन नदेसर से शुरू होकर जिला मुख्यालय पर ज्ञापन देने के साथ समाप्त हुआ। इस प्रदर्शन में स्थानीय साधु-संतों सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।

हिंदुओं पर बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन
बीजेपी कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचारों को लेकर गहरा विरोध व्यक्त किया। वाराणसी के महापौर अशोक कुमार तिवारी ने इस घटना की तीव्र आलोचना करते हुए कहा, "बांग्लादेश में हिंदुओं को मारा-पीटा जा रहा है, इस्कॉन मंदिरों के पुजारियों को जेल में डाल दिया गया है, और उनके व्यवसायों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।" महापौर ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "देश के कई नेता छोटी-छोटी बातों पर बयान देते हैं, लेकिन बांग्लादेश में इतनी गंभीर घटनाओं पर चुप हैं।" उन्होंने सभी से एकजुट होकर हिंदुओं के समर्थन में खड़े होने की अपील की।

बीजेपी नेताओं का कड़ा संदेश
बीजेपी के वाराणसी जिला अध्यक्ष और एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "अगर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार बंद नहीं हुआ, तो बांग्लादेश को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।" उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भारत का हिस्सा था, और यदि आवश्यकता पड़ी तो इसे फिर से भारत में शामिल कर लिया जाएगा। हंसराज ने प्रदेश में हो रही घटनाओं का जिक्र करते हुए विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे हमेशा दंगों को बढ़ावा देने का काम करते हैं।

संत समाज ने जताई नाराजगी
पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर बालक संतोष दास ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हो रहा है, वह अति निंदनीय है। उन्होंने कहा, "वहां हिंदू अल्पसंख्यकों के मठ और मंदिरों को बंद किया जा रहा है। रामकृष्ण मिशन जैसे संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार हिंदुओं की सुरक्षा में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के कुछ राजनीतिक दल इन घटनाओं पर चुप हैं, जो शर्मनाक है।

अखिलेश यादव पर तीखा हमला
संभल की घटना को लेकर बालक संतोष दास ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "अखिलेश केवल नाम के हिंदू हैं। वे हिंदुओं की समस्याओं पर मौन रहते हैं और केवल मुसलमानों के हितों की बात करते हैं।"उन्होंने कहा कि यह समय हिंदुओं को एकजुट होने का है और ऐसे छद्म नेताओं की बातों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए।

प्रदर्शनकारियों की मांग
प्रदर्शन में शामिल साधु-संतों और कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाए और वहां हिंदू समाज को सुरक्षा प्रदान की जाए।

ज्ञापन सौंपने के साथ प्रदर्शन समाप्त
प्रदर्शन का समापन जिला मुख्यालय पर ज्ञापन सौंपने के साथ हुआ। ज्ञापन में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही बर्बरता को तत्काल रोकने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि बांग्लादेश सरकार ने हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की, तो विरोध प्रदर्शन और तेज होगा। 

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