Agra News : आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज को मिला 72 सीटों का तोहफा, जानें पूरा प्लान...

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज को मिला 72 सीटों का तोहफा, जानें पूरा प्लान...
UPT | एमबीबीएस में सीटों में इजाफे की जानकारी देते एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता।

Jun 28, 2024 12:38

केंद्र और राज्य सरकार आगरा में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए तमाम कवायदें कर रही है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज को मिनी एम्स बनाने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में...

Jun 28, 2024 12:38

Agra News : केंद्र और राज्य सरकार आगरा में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए तमाम कवायदें कर रही है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज को मिनी एम्स बनाने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में नेशनल मेडिकल कमिशन ने मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस सीटों को 128 से बढ़ाकर 200 कर दिया है। नए सत्र में 72 बढ़ी हुई सीटों का लाभ एमबीबीएस के छात्र उठा सकेंगे।

क्या कहते हैं प्राचार्य
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि एसएन मेडिकल कॉलेज को 1000 करोड़ रुपये की लागत से मिनी एम्स की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। इसमें करीब 1800 बेड हो जाएंगे। कॉलेज ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को 72 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। इसकी मंजूरी मिल गई है। अब परास्नातक की सीटें भी बढ़ने की उम्मीद बंध गई है। अभी पीजी की 166 सीटें हैं, इसको भी 200 सीट करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। एसएन में 200 सीटें होने से मेडिकल में प्रवेश पाने वाले छात्रों को राहत मिलेगी। नए सत्र (2024-25) से काउंसिलिंग के जरिये इसमें प्रवेश होगा।

समृद्ध है एसएन मेडिकल कॉलेज का इतिहास
गौरतलब है कि ब्रिटिश काल में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर सर जेम्स थॉमसन के नाम पर 1854 में थॉमसन स्कूल की स्थापना हुई थी। इसी साल आगरा मेडिकल स्कूल से संबद्ध किया गया। 1857 में भारतीय चिकित्सकों का पहला बैच पास हुआ था। पहले प्रधानाचार्य सर्जन डॉ. जॉन मरे थे। साल 1872 में एलएमपी कोर्स शुरू हुआ, जिसे उत्तर प्रदेश राज्य मेडिकल फैक्ल्टी की ओर से एलएसएमएफ में बदल दिया गया। 1939 में एमबीबीएस की डिग्री शुरू हुई, तब 47 सीटें थीं। इसे आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध किया। 1944 में एमबीबीएस का पहला बैच पास हुआ। साल 1947 में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल डॉ. सरोजनी नायडू के नाम पर नाम रखा गया। वर्ष 1962 में एमबीबीएस की 60 सीटें, और 1976 में 128 हो गईं। 2011-12 में सीटें बढ़ाकर 150 कीं गईं, लेकिन एक सत्र के बाद मानक पूरे नहीं कर पाने के चलते 2013-14 में फिर 128 सीटें ही रह गईं। 

दूर दूर से आते हैं मरीज
एसएन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीटें बढ़ने से जहां नए छात्रों को प्रवेश मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ आगरा के लोगों को भी नई स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा। मिनी एम्स की तर्ज पर विकसित किया जा रहे एसएन मेडिकल कॉलेज में 1800 बेड की व्यवस्था की जा रही है। तमाम आधुनिक मशीनें एसएन मेडिकल कॉलेज में लाई जा रही हैं, जो मेडिकल छात्रों के साथ-साथ मरीजों के लिए भी बहुत ही लाभकारी सिद्ध होंगी। एसएन मेडिकल कॉलेज में आगरा जनपद ही नहीं, बल्कि आगरा और अलीगढ़ मंडल के साथ-साथ बाहरी राज्यों के भी मरीज उपचार कराने के लिए पहुंचते हैं।

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