कोर्ट के फैसले से खुश नहीं भाजपा सांसद : AMU के अल्पसंख्यक दर्जे पर बोले- सरकार मदद को रोक दे

AMU के अल्पसंख्यक दर्जे पर बोले- सरकार मदद को रोक दे
UPT | कोर्ट के फैसले से खुश नहीं भाजपा सांसद

Nov 08, 2024 21:29

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे पर विवाद को फिर से हवा दे दी है। भाजपा नेता और अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है और सरकार से फंड रोकने की मांग की है।

Nov 08, 2024 21:29

Short Highlights
  • कोर्ट के फैसले से खुश नहीं भाजपा सांसद
  • सतीश गौतम ने जताई नाराजगी
  • सरकार ने मदद रोकने की अपील
Aligarh News : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे को बरकरार रखने का फैसला सुनाया। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने 1967 के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना गया था, क्योंकि इसे केंद्रीय कानून के तहत बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे पर विवाद को फिर से हवा दे दी है। भाजपा नेता और अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है और सरकार से फंड रोकने की मांग की है।

भाजपा सांसद ने जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, अलीगढ़ के भाजपा सांसद सतीश गौतम ने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। गौतम ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की आबादी लगभग 19 से 20 प्रतिशत है, तो एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा देना अन्यथा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह उस वित्तीय सहायता को रोक दे जो एएमयू को उसके अल्पसंख्यक स्वरूप के कारण दी जा रही है। उधर असदुद्दीन औवेसी ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को भारतीय मुसलमानों के लिए ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारतीय मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करता है और यह साबित करता है कि एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान माना जाना चाहिए, क्योंकि ये अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा स्थापित किया गया था। 



कोर्ट ने 4-3 से सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 4:3 के बहुमत से निर्णय लिया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा बनाए रखा जाए। इसके साथ ही अदालत ने 2006 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले की वैधता को लेकर पुनर्विचार का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले को सीजेआई के समक्ष भेजा जाएगा, ताकि नई पीठ गठित की जा सके और यह तय किया जा सके कि एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान माना जाए या नहीं। इस फैसले से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ढांचे और भविष्य में मिलने वाली सरकारी सहायता पर भी असर पड़ सकता है।

अनुच्छेद 30 के तहत मान्यता
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी धार्मिक समुदाय अपनी संस्थान की स्थापना कर सकता है, लेकिन उसे संस्थान के प्रशासन में सरकारी नियमों का पालन करना होगा। इस प्रकार, अदालत ने यह माना कि एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा देने का हक है, लेकिन इसका संचालन और प्रशासन सरकार के नियमन के तहत किया जाएगा।

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