अलविदा 2024 :  आगरा पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा साल, शातिरों को पकड़ने वालों पर भी उठे सवाल...

UPT | आगरा पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा 2024।

Dec 31, 2024 15:23

उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आगरा सहित यूपी के कई महानगरों में बढ़ते अपराध को थामने के लिए पुलिस कमिश्नरी प्रणाली की शुरुआत की थी। ताजनगरी को पुलिस कमिश्नरी बने करीब दो साल पूरे हो चुके हैं। पहले पुलिस कमिश्नर...

Agra News : उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आगरा सहित यूपी के कई महानगरों में बढ़ते अपराध को थामने के लिए पुलिस कमिश्नरी प्रणाली की शुरुआत की थी। ताजनगरी को पुलिस कमिश्नरी बने करीब दो साल पूरे हो चुके हैं। पहले पुलिस कमिश्नर के रूप में नवंबर 2022 में डॉ. प्रीतिन्द्र सिंह ने चार्ज लिया था, लेकिन एक दो ऐसी घटनाएं हो गयीं, जिसके चलते उन्हें सरकार ने लखनऊ बुला लिया। फरवरी 2024 में जे. रविंद्र गौड़ ने आगरा के पुलिस आयुक्त की कमान संभाली। उन्होंने पदभार ग्रहण करते ही बड़ा फैसला लिया और पुलिस कमिश्नरी में बीट प्रणाली लागू कर दी। इससे कोई भी बड़ी घटना के जिम्मेदार थाना प्रभारी नहीं, बल्कि बीट अधिकारी पर भी जिम्मेदारी दी गयी। आगरा जिले में 1683 बीट बनाई गई, जिसमें सिटी जोन में 616, पूर्वी और पश्चिमी जोन में 1068 बीट बनाई गई। आरक्षियों को बीट अधिकारी बनाया गया, जो कि एक बड़ा बदलाव रहा। 

आरोपों के घेरे में रही पुलिस
आगरा में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते रहे हैं। पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगे। साल 2024 में ही महिला पुलिस की ट्रेनी उप निरीक्षकों एवं कई अन्य पुलिसकर्मियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर शोषण के आरोप लगाए, जिसकी गूंज लखनऊ तक सुनाई दी। पुलिस कमिश्नरी बनने के बाद भी आगरा में अपराध बढ़ता रहा। लूट, डकैती, हत्या, महिला अपराध के साथ साथ डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं सामने आईं, जो पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हुईं। 

एटीएम ही उठाकर ले गए बदमाश
वर्ष 2024 में शहर से लेकर देहात तक वारदातें हुईं हैं। यही नहीं, बदमाश देहात से तो एटीएम को ही उठाकर ले गए। एटीएम लूट की घटना ने पुलिस की खूब किरकिरी करायी। पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह की कप्तानी पर सवाल खड़े होने लगे। इस घटना के साथ साथ थाना जगदीशपुरा का 4 बीघा जमीन प्रकरण आगरा से लेकर लखनऊ तक सुर्खियों में रहा। सांसद राजकुमार चाहर और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय इस मामले में आमने-सामने आ गए। मामले में एक सब इंस्पेक्टर को भी जेल में जाना पड़ा। यही प्रकरण पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह के लिए जी का जंजाल बन गया और उनका तबादला कर दिया गया। 

जानें कितने हुए अपराध
साल 2024 में ताबड़तोड़ आपराधिक वारदातें हुई हैं। महिला अपराध भी खूब हुए हैं। मासूम बच्चियों को हवस का शिकार बनाया गया। महिला अपराधों की अच्छी खासी संख्या रही, लेकिन पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में कामयाब रही। आगरा के सिटी जोन में सामूहिक बलात्कार की कई घटनाएं सामने आईं। ऐसे मामलों को पुलिस ने चुनौती माना और आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा। साल 2024 में 50 बलात्कार, दहेज हत्या 59, पॉक्सो एक्ट के तहत 57 मामले दर्ज किए गए। इस साल महिला अपराध में लिप्त 867 आरोपियों को सजा दिलायी गई है। अन्य अपराधों में लूट की 36 घटनाएं, चोरी की 339, वाहन चोरी की 649, 51 हत्या की वारदातें हुईं हैं। 19 अपहरण के मामले भी सामने आए हैं। पुलिस ने बेहतरीन पैरवी करते हुए 1198 अपराधियों को जेल भेजा है। 

अपराधों में कमी का दावा
आगरा पुलिस कमिश्नरी बनने के बाद अपराधों में कमी का दावा डीसीपी सिटी द्वारा किया गया है। बताया गया कि पुलिस कमिश्नरी गठित होने के बाद अप्रत्याशित तौर पर 20 प्रतिशत की कमी सभी अपराधों में कमी देखने को मिली है। पुलिस उपायुक्त सूरज राय ने बताया कि आगरा पुलिस का प्रयास है कि आगरा को अपराध मुक्त बनाया जाए। इसके लिए पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ के नेतृत्व में पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी प्रयास में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि आगरा पुलिस कमिश्नरी बनने के बाद भूमाफिया, अपराधियों, सामूहिक अपराध, महिला अपराध एवं साइबर अपराध को लेकर कई बड़ी सफलता हासिल की गई है। पुलिस ने अपराध से प्राप्त की गई कई शातिर अपराधियों की प्रॉपर्टी को जब्त किया है। सामूहिक रूप से अपराध करने वाले बदमाशों के खिलाफ न्यायालय में बेहतरीन पैरवी की है, जिसके 1465 अपराधियों को सख़्त सजा दिलवायी गई है। 

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