Agra News : सोते रहे अधिकारी और ताजगंज में खड़ी हो गई अवैध कॉलोनी, जानें अफसरों की हकीकत... 

UPT | अफसरों की लापरवाही से बस गई अवैध कालोनी।

Jul 23, 2024 15:28

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ आगरा के विकास पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। यही नहीं, विकास कार्यों पर उनके दूत भी निगरानी रख रहे हैं। इसके बावजूद अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देशों और शासन की...

Agra News : सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ आगरा के विकास पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। यही नहीं, विकास कार्यों पर उनके दूत भी निगरानी रख रहे हैं। इसके बावजूद अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देशों और शासन की प्राथमिकताओं की कोई परवाह नहीं है। यही कारण है कि शहर में धड़ल्ले से ऐसी कॉलोनियां विकसित हो रहीं हैं, जो विकास प्राधिकरण द्वारा अप्रूव्ड नहीं है, और न ही उनमें किसी भी तरीके की कोई जन सुविधाएं हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि कॉलोनियां विकसित हो जाती हैं और विकास प्राधिकरण के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोते रहते हैं। आगरा विकास प्राधिकरण यानि एडीए के अधिकारियों को होश उस समय आता है, जब कॉलोनी पूरी तरह से विकसित हो जाती है। 

ऐसे ही बस गई कालोनी 
एक बार फिर विकास प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एडीए के अधिकारियों की लापरवाही के चलते ताजगंज क्षेत्र में अवैध रूप से शारदा सिटी कॉलोनी विकसित हो गई। इस दौरान विकास प्राधिकरण के सुपरवाइजर, इंजीनियर व अफसर सोते रहे। इस कॉलोनी पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होती रही, बावजूद इसके यहां प्लॉट बिकते रहे और मकान बनते व बिकते रहे। यही नहीं, हद तो तब हो गई, जब इस अवैध कॉलोनी में मकान बनकर तैयार हो गए और उसमें 20 परिवार बस भी गए। नए भूखंडों पर निर्माण कार्य शुरू हुआ तो विकास प्राधिकरण का बुलडोजर पहुंचा और 20 नवनिर्मित भूखंडों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। 

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा
बताते चलें कि ताजगंज क्षेत्र के रजरई रोड पर प्रेम कुमार यादव ने शारदा सिटी कॉलोनी बनाई। इस कॉलोनी का एडीए से मानचित्र पास नहीं कराया। एडीए ने नोटिस दिए, लेकिन न तो निर्माण रुके और न ही भूखंडों की बिक्री बंद की गई। अक्टूबर 2022 में एडीए ने ध्वस्तीकरण के नाम पर खानापूर्ति की। फिर भी काम नहीं रुका। इंजीनियर व सुपरवाइजर की सांठगांठ से 20 मकान बन भी गए। जून 2023 में फिर एडीए ने दूसरी बार ध्वस्तीकरण की खानापूर्ति की। फिर भी अवैध निर्माण व भूखंड बिक्री नहीं रुकी। सोमवार को तीसरी बार एडीए की टीम ध्वस्तीकरण के लिए पहुंची। अवैध रूप से बने मकान ध्वस्त नहीं किए गए। 20 अन्य नए निर्माणाधीन भूखंड व उनकी सड़क, नाली, चहारदीवारी तोड़ी गई। सहायक अभियंता मो. हारुन ने बताया कि ध्वस्तीकरण की लागत भू-राजस्व के माध्यम से वसूली जाएगी।

कागजों में ध्वस्त हैं 144 कालोनियां
एडीए क्षेत्र में 144 अवैध कॉलोनियां कागजों में ध्वस्त हैं। इनमें क्षेत्रीय इंजीनियर और सुपरवाइजर की मिलीभगत से अवैध निर्माण व बिक्री के आरोप लगते रहे हैं। यह हाल तब है, जब मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी बार-बार अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध ध्वस्तीकरण के आदेश दे चुकी हैं। यहां यह कह सकते हैं कि मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी के आदेशों को रद्दी की टोकरी में फेंका जा रहा है। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और इंजीनियरों द्वारा कॉलोनाइजर से सांठगांठ कर अवैध निर्माणों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण ताजगंज क्षेत्र की यह शारदा सिटी है। 

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