Agra News : जिला अस्पताल में सीआरएम निरीक्षण के बाद सुधार, लेकिन गुटखा पीक और वाहन अव्यवस्था बनी समस्या

UPT | जिला अस्पताल में सीआरएम निरीक्षण के बाद सुधार

Dec 05, 2024 19:42

आगरा जिले का जिला अस्पताल लंबे समय से अपनी अव्यवस्थाओं और विवादों के कारण सुर्खियों में रहा है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (सीआरएम) की टीम के निरीक्षण के बाद अस्पताल में कई सुधार देखे गए हैं।

Agra News : आगरा जिले का जिला अस्पताल लंबे समय से अपनी अव्यवस्थाओं और विवादों के कारण सुर्खियों में रहा है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (सीआरएम) की टीम के निरीक्षण के बाद अस्पताल में कई सुधार देखे गए हैं। चिकित्सक अब समय पर ओपीडी में उपस्थित होकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं, और बाहरी दवाइयों को पर्चे पर लिखने की प्रथा भी बंद कर दी गई है। अस्पताल प्रशासन और कर्मचारियों ने सीआरएम टीम के निरीक्षण के दौरान रंगाई-पुताई, सफाई और अन्य अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए काफी मेहनत की है, जिसके परिणामस्वरूप अस्पताल की स्थिति बेहतर हुई है।

सीआरएम निरीक्षण के बाद आगरा जिला अस्पताल में सुधार
हालांकि, अस्पताल में चल रही इस प्रक्रिया के बावजूद एक बड़ी समस्या बनी हुई है—गुटखा पीक और बेतरतीब पार्किंग। अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके तीमारदार जगह-जगह गुटखा पीक करते नजर आते हैं, जिससे अस्पताल की साफ-सफाई प्रभावित होती है और परिसर गंदा हो जाता है। यह स्थिति अस्पताल प्रशासन के लिए चिंता का कारण बन गई है, खासकर तब जब खुद अस्पताल के कर्मचारी भी इस अव्यवस्था में शामिल होते हैं।



गुटखा पीक और वाहन अव्यवस्था बनी समस्या
दूसरी समस्या वाहनों की अव्यवस्था है। जिला अस्पताल में पार्किंग की उचित व्यवस्था के बावजूद दोपहिया वाहन बेतरतीब तरीके से खड़े रहते हैं, जिससे इमरजेंसी सेवा में भी जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक, डॉ. राजेंद्र अरोड़ा ने इस संदर्भ में बताया कि सीआरएम निरीक्षण के बाद कई सुधार किए गए हैं। चिकित्सकों को बाहरी दवाइयां न लिखने के लिए निर्देशित किया गया है और गुटखा पीक करने वालों के लिए अस्पताल में नोटिस चस्पा किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति गुटखा पीक करता हुआ पाया जाता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा, चाहे वह मरीज हो, डॉक्टर हो या फिर कोई अन्य कर्मचारी।

बाहरी दवाइयां लिखने पर प्रतिबंध
डॉ. अरोड़ा ने बताया कि सीआरएम टीम के निरीक्षण में डायलिसिस केंद्र में बाहरी दवाइयों के इस्तेमाल की समस्या भी सामने आई थी, जिसे अब सुलझा लिया गया है। साथ ही, इमरजेंसी में जिन कमियों की पहचान की गई थी, उन्हें सुधार लिया गया है। अब इमरजेंसी क्षेत्र को ट्रायल जोन के लिए पीली पट्टी से चिह्नित किया गया है, ताकि व्यवस्था और बेहतर हो सके। यह सभी सुधार जिला अस्पताल के सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, लेकिन गुटखा पीक और पार्किंग की समस्याओं का समाधान अभी भी अस्पताल प्रशासन के लिए एक चुनौती बनी हुई है।

Also Read