Agra News : आगरा में बनेगा प्रदेश का पहला आधुनिक मशीनीकृत धोबी घाट, दो करोड़ की लागत से होगा तैयार

UPT | आगरा में बनेगा प्रदेश का पहला आधुनिक मशीनीकृत धोबी घाट।

Dec 29, 2024 23:47

आगरा नगर निगम बीते एक साल से कई अहम फैसले ले रहा है, जो शहर के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं, अब इसी कड़ी में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल की पहल से आगरा उत्तर प्रदेश का पहला शहर...

Short Highlights
  • टीटीजेड क्षेत्र में यमुना प्रदूषण घटाने की बड़ी पहल।
  • दो करोड़ की लागत आएगी निर्माण पर, निगम ने शुरू की तैयारियां।
  • डिटर्जेंट के अनियंत्रित उपयोग पर नियंत्रण होगा।
Agra News : आगरा नगर निगम बीते एक साल से कई अहम फैसले ले रहा है, जो शहर के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं, अब इसी कड़ी में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल की पहल से आगरा उत्तर प्रदेश का पहला शहर बनने जा रहा है जहां आधुनिक धोबी घाट होगा, जो कि पर्यावरण के अनुकूल होगा। सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा गया था जो कि वहां से स्वीकृत कर दिया गया है।



सरकार से मिली हरी झंडी
आगरा नगर निगम प्रशासन इसको धरातल पर उतारने के लिए कवायदें शुरू करेगा। आगरा शहर में राज्य का पहला आधुनिक और मशीनीकृत धोबी घाट बनाए जाने को सरकार से हरी झंडी मिल गई है। योजना पर लगभग दो करोड़ की लागत आएगी । ताज ट्रैपेजियम ज़ोन (टीटीजेड) क्षेत्र में बनने वाला यह धोबी घाट राज्य में पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक उत्थान के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य यमुना नदी में प्रदूषण को नियंत्रित करना और धोबी समाज को बेहतर आजीविका प्रदान करना है।  यह परियोजना उत्तर प्रदेश की पहली ऐसी पहल है, जिसमें कपड़े धोने की पारंपरिक प्रणाली को मशीनीकृत और आधुनिक बनाया जाएगा। इस धोबी घाट में जल पुनर्चक्रण, पर्यावरण-अनुकूल डिटर्जेंट का उपयोग, और अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से कपड़े धोने और सुखाने की सुविधाएं दी जाएंगी। 

प्रमुख विशेषताएं -
राज्य का पहला मशीनीकृत धोबी घाट, जल पुनर्चक्रण प्रणाली, डिटर्जेंट के अनियंत्रित उपयोग पर नियंत्रण,  पर्यावरण-अनुकूल तकनीक,  टीटीजेड क्षेत्र में यमुना प्रदूषण की समस्या का समाधान ताजमहल और यमुना नदी के आसपास के टीटीजेड क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए यह परियोजना शुरू की जा रही है। पारंपरिक धोबी घाटों पर कपड़े धोने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में डिटर्जेंट और गंदा पानी सीधे नदी में बहा दिया जाता है, जिससे यमुना नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है और जैव विविधता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।  मशीनीकृत धोबी घाट में गंदे पानी को नदी में बहाने से पहले उपचारित किया जाएगा। साथ ही, जल पुनर्चक्रण प्रणाली का उपयोग करके पानी की खपत को कम किया जाएगा। इस परियोजना से यमुना नदी की सफाई और टीटीजेड क्षेत्र की पर्यावरणीय स्थिति को सुधारने में सहायता मिलेगी। 

मेहनत कम होगी और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी
धोबी समाज के लिए बेहतर अवसर यह आधुनिक धोबी घाट पारंपरिक धोबी समाज के लिए नई संभावनाएं खोलेगा। अत्याधुनिक उपकरणों के माध्यम से काम करने से उनकी मेहनत कम होगी और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। इसके साथ ही, स्वच्छ और सुरक्षित कार्यस्थल से उनके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।  सरकार इस परियोजना के अंतर्गत धोबी समाज को नई तकनीकों का प्रशिक्षण देगी, ताकि वे आधुनिक मशीनों के उपयोग में दक्ष हो सकें। यह पहल उनके आर्थिक और सामाजिक विकास में सहायक होगी।  ‘मॉडल प्रोजेक्ट’ के रूप में ताज नगरी में पहली बार शुरू की जा रही यह परियोजना न केवल यमुना प्रदूषण को नियंत्रित करेगी, बल्कि ताज ट्रैपेजियम ज़ोन के पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। स्वच्छ यमुना और बेहतर पर्यावरण विदेशी और घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद करेंगे।  आगरा में आधुनिक धोबी घाट को लेकर नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश का पहला आधुनिक मशीनीकृत धोबी घाट एक ऐतिहासिक पहल है, जो पर्यावरण संरक्षण, यमुना नदी की स्वच्छता और धोबी समाज के उत्थान के लिए मील का पत्थर साबित होगी

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