Firozabad News : आचार्य प्रमोद कृष्णम का विपक्ष पर तीखा हमला, देश को बांटने वालों को दी चेतावनी

UPT | आचार्य प्रमोद कृष्णम का विपक्ष पर तीखा हमला

Nov 17, 2024 20:01

महाराष्ट्र चुनाव में उलेमाओं द्वारा महाविकास अघाड़ी के समर्थन में फतवा जारी करने पर प्रसिद्ध धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी दलों पर तीखा बयान दिया।

Firozabad News : महाराष्ट्र चुनाव में उलेमाओं द्वारा महाविकास अघाड़ी के समर्थन में फतवा जारी करने पर प्रसिद्ध धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी दलों पर तीखा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि "देश संविधान से चलेगा, फतवों से नहीं।" उनका मानना है कि वो दौर अब खत्म हो गया है जब कुछ लोग फतवा जारी कर सरकारें बना लेते थे या बिगाड़ देते थे। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज भी कुछ नेता फतवों पर भरोसा करते हैं, न कि संविधान पर। इसे उन्होंने देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बताया।

देश को बांटने वालों के लिए सख्त संदेश
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मंच से यह भी कहा कि कुछ लोग देश को जाति के आधार पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों की आलोचना करते हुए कहा कि ये वही लोग हैं, जिन्हें देश ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को बदनाम करने का काम करते देखा जाता है। आचार्य प्रमोद ने यह भी जोड़ा कि ऐसे लोग सत्ता पाने के लिए देश को विभाजित करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का हवाला देते हुए कहा, "बटोगे तो कटोगे। हम यह प्रण लेते हैं कि न तो देश को बंटने देंगे, न ही कटने देंगे।"

स्वामी दयानंद सरस्वती की विरासत पर विचार
यह बयान उन्होंने फिरोजाबाद के सिरसागंज में आयोजित आर्य धर्म महासम्मेलन के दौरान दिया, जहाँ वे पर्यटन विभाग के एक कार्यक्रम में सम्मिलित हुए थे। 16 से 18 नवंबर तक चले इस महासम्मेलन में स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों पर भी चर्चा हुई। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने भारतीय समाज को जाति-पाति और ऊँच-नीच के भेदभाव से ऊपर उठाकर ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित की। उन्होंने स्वामी दयानंद को शिव की भांति विषपान करने की क्षमता, राम की मर्यादा और कृष्ण की दूरदर्शिता का मिश्रण बताया।



भारतीय समाज को एकता की आवश्यकता
आचार्य ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय समाज को विभाजन की साजिशों से बचाने के लिए आर्य समाज और सनातन संस्कृति के सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता है। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने समाज में समानता और एकता पर जोर देते हुए कहा कि हमें अपने हित से ऊपर उठकर राष्ट्रहित को प्राथमिकता देनी होगी। जयवीर सिंह ने भी स्वामी दयानंद के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय समाज के अधिकांश स्वतंत्रता सेनानी उनके विचारों से प्रेरित थे।

2047 तक विकसित भारत का सपना
मंत्री जयवीर सिंह ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि समाज में समरसता और एकता ही वह आधार है, जो भारत को एक बार फिर से विश्व गुरु के रूप में स्थापित कर सकता है। इस आयोजन के माध्यम से उन्होंने सनातन धर्म के विचारों और आर्य समाज की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।

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