Firozabad News : वृद्ध को जिंदा होने के देने पड़ रहे सबूत, पढ़िये सरकारी कारस्तानी की दिलचस्प कहानी

UPT | खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रहा वृद्ध।

Dec 26, 2024 15:16

फ़िरोज़ाबाद जनपद के शिकोहाबाद के पूर्ति निरीक्षक विभाग ने एक जिंदा व्यक्ति को मृत दर्शाकर उसका नाम राशन कार्ड से काट दिया। व्यक्ति के परिवार में उसके अलावा उसकी पत्नी है, लेकिन राशनकार्ड में परिवार के 8 सदस्यों के नाम से...

Firozabad News : फ़िरोज़ाबाद जनपद के शिकोहाबाद के पूर्ति निरीक्षक विभाग ने एक जिंदा व्यक्ति को मृत दर्शाकर उसका नाम राशन कार्ड से काट दिया। व्यक्ति के परिवार में उसके अलावा उसकी पत्नी है, लेकिन राशनकार्ड में परिवार के 8 सदस्यों के नाम से राशन जारी होता रहा। जीवित व्यक्ति अपने को जिंदा दिखाने और राशन दिलाने की अधिकारियों से गुहार लगा रहा है। 

ऐसे काटा नाम
नई बस्ती बोझिया लक्ष्मी नगर निवासी लज्जाराम पुत्र लाखन सिंह का उनकी पत्नी सीमा के नाम से राशनकार्ड था। जिस पर समय समय पर वह राशन लेते थे। जब वह हाल ही में राशन लेने के लिए गए तो डीलर ने कहा कि लज्जाराम की मृत्यु होने पर उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया है। पीड़ित ने बताया कि उसके परिवार में पत्नी के अलावा कोई नही है, लेकिन उसके राशन कार्ड की पारिवारिक डिटेल को देखें तो उसमें परिवार के अन्य 8 सदस्यों के नाम को समय समय पर काटा गया है। 

दो की जगह आठ सदस्य
राशन कार्ड से 2024 में लज्जाराम को मृत दर्शाकर नाम काट दिया गया। उसके साथ ही बेटा श्रवण कुमार, शुभम, पंकज कुमार, अरुण कुमार, 2021 में अनिल कुमार, नैना, 2024 में बाबू, राजकुमारी, संजीव कुमार के नाम को निरस्त कर दिया। सवाल यह है कि आखिर जब पीड़ित के कोई अन्य संतान नहीं है तो फिर 8 नाम राशन कार्ड में कैसे जोड़े गए तथा फिर नाम को कैसे काटा गया। पीड़ित ने जब राशनकार्ड की डिटेल निकलवाई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि पीड़ित को मृत दर्शा दिया गया। जबकि वह वर्तमान समय में जीवित है। पीड़ित न्याय की गुहार लगा रहा है। किसी मृत का नाम हटाने के लिए मृतक का मृत प्रमाण पत्र भी जरूरी होता है। 

क्या कहते हैं अधिकारी
ताज्जुब इस बात का है कि उसका मृत प्रमाण पत्र भी लगा हुआ है। इस बारे में एसडीएम अंकित वर्मा का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। मामले की शिकायत आने पर मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। राशन डीलर राहुल कुमार का कहना है कि तहसील में कार्यरत कर्मचारियों की गलती के कारण एक अन्य लज्जाराम के नाम की जगह दूसरे लज्जाराम का नाम कट गया है। उनका ऑनलाइन कार्ड करा दिया गया है।

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