आगरा में ट्रैफिक पुलिस का शिकंजा : नाबालिग वाहन चलाते दिखे तो अभिभावकों पर होगा मुकदमा...

UPT | नाबालिग बच्चों के ड्राइविंग पर ट्रैफिक पुलिस सख्त।

Jul 12, 2024 15:51

अगर आप आगरा के बाशिंदे हैं, आपका बच्चा नाबालिग़ है और आप उसे दोपहिया वाहन चलाने के लिए दे रहे हैं तो सावधान हो जाइये। अगर नाबालिग बच्चा वाहन चलाता दिखा तो उसके अभिभावक के खिलाफ...

Agra News : अगर आप आगरा के बाशिंदे हैं, आपका बच्चा नाबालिग़ है और आप उसे दोपहिया वाहन चलाने के लिए दे रहे हैं तो सावधान हो जाइये। अगर नाबालिग बच्चा वाहन चलाता दिखा तो उसके अभिभावक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। आगरा पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ संभागीय परिवहन विभाग सिर्फ स्कूली वाहनों की चेकिंग ही नहीं कर रहे, बल्कि प्रवर्तन दल स्कूली वाहनों पर कार्रवाई भी कर रहा है। 

पुलिस ने शुरू किया अभियान
ताजनगरी में नाबालिगों के वाहन चलाने पर यातायात पुलिस सख्ती कर रही है। दोपहिया वाहन चलाते मिलने पर एक सप्ताह तक 5000 रुपये शमन शुल्क के साथ चालान काटे जाएंगे। इसके बाद अभिभावकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होंगे। बृहस्पतिवार से चेकिंग अभियान शुरू किया गया। पहले ही दिन 150 वाहन पकड़े गए। नाबालिगों को जागरूक करते हुए चालान काटे गए।

ये है नियम
शहर के सरकारी, अर्ध सरकारी, कान्वेंट एवं पब्लिक स्कूलों में बच्चे वाहन लेकर आते हैं। कई स्कूलों में वाहनों की एंट्री नहीं है तो बच्चे वाहनों को निजी पार्किंग में खड़ा करते हैं। बैटरी संचालित वाहन चलाने वाले नाबालिगों की संख्या भी कम नहीं है। 18 साल से कम पर लाइसेंस नहीं बनता है। सहायक पुलिस आयुक्त  ट्रैफिक) सय्यद अरीब अहमद ने उत्तर प्रदेश टाइम्स को बताया कि 16 से 18 साल के बीच नाबालिग 50 सीसी का वाहन चला सकते हैं। मगर, पेट्रोल और बैटरी के वाहन भी 50 सीसी के नहीं आ रहे हैं। नाबालिगों के वाहन चलाने पर पुलिस अब कार्रवाई करेगी। बच्चों के वाहन चलाने पर अभिभावक और वाहन स्वामी जिम्मेदार होंगे। एसीपी ने बताया कि मुकदमा मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 4 के तहत लिखा जाएगा। इसमें दोषी को 25 हजार रुपये का जुर्माना और 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस धारा में मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस ही तहरीर देगी। पुलिसकर्मी को वादी बनाया जाएगा। विवेचना कर चार्जशीट लगाई जाएगी। आरोपी अभिभावकों को बनाया जाएगा।

22 तक जारी रहेगा ​अभियान
संभागीय परिवहन विभाग का स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान बृहस्पतिवार को भी चला। प्रवर्तन दल की चार टीमों ने 72 स्कूली वाहनों की जांच की, जिसमें से 8 के खिलाफ चालान की कार्रवाई की गई। एआरटीओ (प्रवर्तन) आलोक कुमार, पीटीओ शिव कुमार मिश्र, अमित वर्मा और नीलम सिंह की टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर स्कूली वाहनों की जांच की। अभियान शहर तक संचालित नजर आ रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बिना फिटनेस वाले स्कूली वाहन दौड़ रहे हैं। आरटीओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि 22 जुलाई तक अभियान जारी रहेगा। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूली वाहनों पर कार्रवाई होगी।

पुलिस ने अभिभावकों को सावधान किया
एसीपी सय्यद अरीब ने बताया कि नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना गैरक़ानूनी है, यह बड़ा अपराध है। अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने नाबालिग़ बच्चों को वाहन न दें। जब वह बालिग हो जाएं तो उनका ड्राइविंग लाइसेंस बनवाएं, उसके बाद ही वाहन चलाने की अनुमति दें। अगर अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए दे रहे हैं तो चालान के साथ साथ उनका वाहन तो सीज होगा ही, इसके साथ ही उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।   

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