आगरा कोर्ट से कंगना रनौत को मिला नोटिस : 28 नवंबर को होगी सुनवाई, किसानों के खिलाफ विवादित बयान का मामला

UPT | अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत

Nov 22, 2024 18:50

अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत के लिए कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आगरा कोर्ट में उनके विवादास्पद बयानों को लेकर एक केस पेंडिंग है, जिसकी अब सुनवाई होने वाली है...

Agra News : अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत के लिए कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आगरा कोर्ट में उनके विवादास्पद बयानों को लेकर एक केस पेंडिंग है, जिसकी अब सुनवाई होने वाली है। कोर्ट ने कंगना रनौत को नोटिस जारी किया है। किसानों के अपमान और राष्ट्रद्रोह के आरोप में कंगना रनौत के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी। विशेष अदालत एमपी एमएलए अनुज कुमार सिंह ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से कंगना रनौत को नोटिस भेजा था, जो 19 नवंबर 2024 को उन्हें प्राप्त हुआ। आगरा कोर्ट में कंगना के पहले दिए गए बयानों को लेकर यह याचिका दायर की गई थी और अब इस मामले की सुनवाई 28 नवंबर 2024 को होगी।

इस मामले में होगी सुनवाई
कंगना रनौत के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले आगरा के वकील रमाशंकर शर्मा ने बताया कि कंगना रनौत ने दिल्ली बॉर्डर पर अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक केंद्र सरकार के द्वारा लागू किए गए काले कानूनों के विरोध में धरना दे रहे लाखों किसानों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की थीं। वकील ने आरोप लगाया कि कंगना ने कहा था कि उस समय वहां हत्याएं हो रही थीं, बलात्कार हो रहे थे, और अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो हालात बांग्लादेश जैसे बन सकते थे।



महात्मा गांधी के खिलाफ भी की टिप्पणी
इसके अतिरिक्त, कंगना रनौत ने 17 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि "गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है, आजादी नहीं," और यह भी दावा किया कि 1947 में जो आजादी मिली, वह महात्मा गांधी के 'भीख के कटोरे' से मिली थी। कंगना रनौत ने यह भी कहा था कि असली आजादी तो 2014 में मिली, जब केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई थी। वकील ने अपने पत्र में यह आरोप लगाया कि कंगना ने इस तरह की टिप्पणियों से देश के करोड़ों किसानों को हत्यारा, बलात्कारी और उग्रवादी बताकर उनका अपमान किया है।

देश के लाखों शहीदों का भी अपमान किया
वकील ने पत्र में यह भी आरोप लगाया कि कंगना रनौत ने 1947 में मिली आज़ादी को 'भीख' में मिली कहकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया है। इसके साथ ही, उन्होंने देश के लाखों शहीदों का भी अपमान किया, जिनमें भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आज़ाद, अशफाक उल्लाह खां जैसे वीर स्वतंत्रता सेनानी शामिल हैं, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए फांसी की सजा स्वीकार की। वकील का कहना था कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने जेल की यातनाएं सहन की, और कंगना के इस तरह के कमेंट से इन सबका अपमान हुआ है।

28 नवंबर को कोर्ट में होंगी पेश
13 नवंबर 2024 को कोर्ट में बहस सुनने के बाद कोर्ट ने कंगना रनौत को नोटिस जारी किया था। नोटिस के अनुसार, कंगना रनौत को 28 नवंबर 2024 को सुबह 10 बजे कोर्ट में खुद या अपने अधिवक्ता के माध्यम से पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कंगना 28 नवंबर को कोर्ट में हाजिर नहीं होतीं, तो मामले की सुनवाई को आगे बढ़ा दिया जाएगा।

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