औद्योगिक गलियारों के लिए जमीन अधिग्रहण : सर्किल रेट को लेकर विवाद, मामले ने पकड़ा तूल, रजिस्ट्री कार्य दूसरे दिन भी ठप 

UPT | मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम शिकोहाबाद को सौंपते अधिवक्ता।

Nov 21, 2024 17:40

फिरोजाबाद के शिकोहाबाद में औद्योगिक गलियारों के लिए जमीन अधिग्रहण का काम जारी है। ग्राम नसीरपुर के किसानों की जमीन को पुरानी सर्किल रेट पर अधिग्रहीत किया जा रहा है, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ है।

Firozabad News : फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक गलियारों के लिए जमीन अधिग्रहण का काम जारी है। इस प्रक्रिया में ग्राम नसीरपुर के किसानों की जमीन को अधिग्रहीत किया जा रहा है। हालांकि, यह मामला तूल पकड़ गया है क्योंकि अधिग्रहीत जमीन की सर्किल रेट को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। खासकर शिकोहाबाद वार के वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद कुमार यादव और उनके परिवार की 50 बीघा बेशकीमती जमीन पुरानी सर्किल रेट से अधिग्रहीत की जा रही है, जबकि पास के गांवों में सर्किल रेट कई गुना अधिक है।



दूसरे दिन भी विवाद का असर देखा गया
गुरुवार को दूसरे दिन भी इस विवाद का असर देखा गया, जब अधिवक्ताओं ने बैनामे की रजिस्ट्री कार्य और राजस्व न्यायालय का बहिष्कार जारी रखा। यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं। अधिवक्ताओं का कहना है कि सर्किल रेट बढ़ाए जाने तक कोई भी भूमि अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए।

इस मामले को सुलझाने के लिए एसडीएम शिकोहाबाद ने अधिवक्ताओं से वार्ता करने की कोशिश की। हरिओम यादव, वार अध्यक्ष की अध्यक्षता में एसडीएम से बातचीत की गई, लेकिन यह वार्ता सफल नहीं हो पाई। इसके बाद अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन एसडीएम शिकोहाबाद को सौंपा, जिसमें ग्राम नसीरपुर की सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की गई।

यह समस्या पूरे क्षेत्र के किसानों और बाशिंदों की समस्या है
इस संघर्ष में वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद कुमार यादव ने जनपद की सभी तहसील वार, जिला सिविल वार और जिला रेवेन्यू वार से समर्थन की अपील की। उनका कहना था कि यह सिर्फ उनकी समस्या नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र के किसानों और बाशिंदों की समस्या है, जो उनके विकास और न्याय की लड़ाई में साथ देने के लिए एकजुट हुए हैं।

इस मौके पर उम्मेद बाबू महासचिव, अखिलेश, विनय, कुलदीप, गोरव, अनुज, गिर्राज, अशोक यादव, के0पी0 सिंह, ब्रजेश चन्द्र, सुभाष चंद्र, राजेश यादव, श्यामबाबू, दिनेश सिंह और अन्य अधिवक्ता भी उपस्थित रहे। 

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