300 गज का प्लॉट 30 करोड़ में बिका : मात्र 60 लाख रुपये थी कीमत, वृंदावन में क्यों लगा रहे लोग इतनी बड़ी बोली?

UPT | 300 गज का प्लॉट 30 करोड़ में बिका

Jul 27, 2024 16:42

उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर वृंदावन में हाल ही में हुई एक नीलामी ने सभी को चकित कर दिया है। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण (MVDA) द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन नीलामी में 300...

Mathura News : उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर वृंदावन में हाल ही में हुई एक नीलामी ने सभी को चकित कर दिया है। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण (MVDA) द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन नीलामी में 300 वर्ग गज के एक प्लॉट की बोली 30 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जबकि उसकी बेस प्राइस केवल 60 लाख रुपये थी। यह नीलामी की प्रक्रिया में आया अप्रत्याशित उछाल स्थानीय निवासियों और अधिकारियों दोनों के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है।


नीलामी की प्रक्रिया
गुरुवार को शुरू हुई इस नीलामी में कुल आठ प्लॉट्स पर बोली लगाई गई। इनमें से एक प्लॉट रुक्मणि विहार स्थित था, जिसकी बेस प्राइस 60 लाख रुपये थी। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक नीलामी (ई-नीलामी) के दौरान इस प्लॉट की कीमत ने अचानक एक उछाल लिया और 30 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह बोली इतनी अधिक थी कि एमवीडीए के अधिकारियों को इसकी जांच करने की आवश्यकता महसूस हुई।

बोली लगाने के पीछे का कारण
एमवीडीए अधिकारियों ने जब इस अनियमितता की जांच की तो उन्होंने पाया कि केवल इस एक प्लॉट के लिए ही नहीं, बल्कि 288 वर्ग मीटर के एक अन्य प्लॉट के लिए भी बोली 19 करोड़ 11 लाख रुपये तक पहुंच गई। अधिकारियों का कहना है कि यह अत्यधिक बोली शायद नीलामी की प्रक्रिया को बाधित करने के लिए जानबूझकर लगाई गई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ प्रतिभागियों ने कीमतों को अत्यधिक बढ़ाकर सही खरीदारों को प्लॉट प्राप्त करने से रोकने का प्रयास किया।

सिक्योरिटी डिपॉजिट की समस्या
नीलामी में भाग लेने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को एक सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करना होता है। यदि कोई बोलीदाता नीलामी के बाद भुगतान नहीं करता है तो उनका सिक्योरिटी डिपॉजिट जब्त कर लिया जाता है। विशेष अधिकारी प्रसून द्विवेदी ने चेतावनी दी है कि जिन बोलीदाताओं ने 60 लाख रुपये मूल्य के प्लॉट्स के लिए 30 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। उनके सिक्योरिटी डिपॉजिट को खतरे में डाल दिया है। यदि वे अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो उनका सिक्योरिटी डिपॉजिट जब्त कर लिया जाएगा।

रियल एस्टेट में बढ़ती दिलचस्पी
यह घटना पूरी तरह से भारत में रियल एस्टेट निवेश में बढ़ती दिलचस्पी और इसकी पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में अधिकारियों को आने वाली चुनौतियों को उजागर करती है। रियल एस्टेट की मूल्य निर्धारण प्रक्रिया और नीलामी की पारदर्शिता पर इस प्रकार के विवाद यह दर्शाते हैं कि नियामक प्राधिकरण को नई नीतियां और सुरक्षा उपाय लागू करने की आवश्यकता है।

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