डालमिया फार्म हाउस मुद्दा : 454 पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, सीईसी ने कोर्ट में पेश की 92 पन्नों की जांच रिपोर्ट

UPT | डालमिया फार्म हाउस मुद्दा

Dec 16, 2024 16:01

डालमिया फार्म हाउस में 454 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया था। यह मामला जिला अदालत में विचाराधीन था, लेकिन इसके गंभीर पर्यावरणीय प्रभावों को देखते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया गया है।

Mathura News : मथुरा के जैंत थाना क्षेत्र स्थित छटीकरा रोड पर 18 सितंबर की रात को एक बड़ा पर्यावरण अपराध सामने आया था, जब डालमिया फार्म हाउस में 454 पेड़ों को अवैध रूप से काट दिया गया था। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पर्यावरणविदों और सुप्रीम कोर्ट का भी ध्यान खींचा था। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी शंकर सेठ समेत 42 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

अवैध कटाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
यह मामला जिला अदालत में विचाराधीन था, लेकिन इसके गंभीर पर्यावरणीय प्रभावों को देखते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया गया। नरेंद्र कुमार गोस्वामी द्वारा दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण का स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच के लिए दो सदस्यीय केंद्रीय सशक्त समिति (CEC) गठित की। यह समिति पर्यावरणीय मामलों में विशेषज्ञता रखती है और इसे पूरे मामले की गहन जांच का दायित्व सौंपा गया।

सीईसी की टीम ने किया डालमिया फार्म हाउस का दौरा
7 दिसंबर को सीईसी की टीम ने घटना स्थल, यानी डालमिया फार्म हाउस का दौरा किया। इस निरीक्षण के दौरान, टीम ने पेड़ों की कटाई के कारण पर्यावरण पर पड़े प्रभाव का गहराई से मूल्यांकन किया। इसके बाद, 12 दिसंबर को जांच समिति ने 92 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में घटना से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल किया गया, जैसे कि पेड़ों की संख्या, उनकी प्रजातियां, क्षेत्र का पारिस्थितिक महत्व और अवैध कटाई में शामिल लोगों की भूमिका।


डालमिया फॉर्म हाउस में 400 से ज्यादा पेड़ काटे जाने का मामला
मथुरा के वृंदावन क्षेत्र में स्थित डालमिया फार्म हाउस में 19 सितंबर की रात को पर्यावरण को झटका देते हुए 400 से अधिक हरे पेड़ काट दिए गए। यह घटना वृंदावन को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाली सड़क पर हुई। मशीनों और मजदूरों की मदद से बड़े पैमाने पर पेड़ों को नष्ट किया गया, जैसे ही स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने इसका विरोध किया और मामला राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) तक पहुंच गया। इस अवैध कटान से पर्यावरणविदों और क्षेत्र के निवासियों में गुस्सा है।

अलग-अलग विभागों ने की कार्रवाई
इस घटना के बाद वन विभाग, विकास प्राधिकरण और बिजली विभाग ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज की। वन विभाग ने अपने स्तर पर तीन अलग अभियोग दर्ज किए। इन मामलों में डालमिया परिवार के सदस्यों के साथ-साथ मथुरा के जाने-माने बिल्डर शंकर सेठ को भी आरोपी बनाया गया।

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