Agra News : अधिवक्ता की मौत के बाद वकीलों में भारी आक्रोश, पुलिस प्रशासन की अर्थी को दहन करने का किया प्रयास, हुई झड़प

UPT | वकीलों को पकड़ते हुए पुलिसकर्मी।

Mar 02, 2024 18:51

आगरा ही नहीं पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं के ऊपर हमले हो रहे हैं, उनकी नृशंक हत्या हो रही है और पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे हुए बैठा है। आगरा में अधिवक्ता की मौत के बाद अब वकीलों का धैर्य…

Agra News : आगरा के थाना सिकंदरा अंतर्गत यूपीएसआईडीसी मार्ग स्थित मंगलम आधार अपार्टमेंट में शुक्रवार रात को पुलिस दबिश के दौरान आठवीं मंजिल से गिरकर हुई अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के बाद अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश है। दीवानी परिसर में अधिवक्ता एकत्रित होकर एमजी रोड पर प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए। यहां उन्होंने जमकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। वकीलों का आक्रोश यहीं नहीं थमा बल्कि अधिवक्ता संगठनों ने दीवानी में पुलिस-प्रशासन की अर्थी तक निकाल डाली। अर्थी दहन करने को लेकर अधिवक्ताओं की पुलिस के साथ तीखी नौक झोंक भी हुई। काफी देर तक हंगामा चला। सूचना पर एसीपी सैय्यद अरीब अहमद एवं अन्य पुलिस अधिकारी भी वकीलों के आक्रोश को देखते हुए दीवानी पहुंच गए जिसके बाद स्थिति को संभाला गया।    थाना न्यू आगरा का प्रकरण अब तूल पकड़ता दिखाई दे रहा  थाना न्यू आगरा का प्रकरण अब तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। बीती रात थाना न्यू आगरा पुलिस सिकंदरा क्षेत्र अंतर्गत आरोपी अधिवक्ता के निवास पर दबिश देने पहुंची थी। आगरा के सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित मंगलम आधार अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 801 में वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील शर्मा रहते हैं, वे युवा अधिवक्ता संघ के संरक्षक भी थे। उनके खिलाफ केके नगर निवासी मनोज कुमार शर्मा ने दो फरवरी को थाना न्यू आगरा में बंधक बनाकर बैनामा कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में शुक्रवार रात को पुलिस उनके घर दबिश देने पहुंची। फ्लैट नंबर 801 में वे और उनकी पत्नी थी जबकि फ्लैट नंबर 802 खाली है।   पुलिस पहुंची तो आरोपी अधिवक्ता गंभीर घायल अवस्था में पड़ा हुआ था 
जब थाना न्यू आगरा पुलिस आरोपी अधिवक्ता सुनील शर्मा की पत्नी से पूछताछ के बाद लौट रही थी, पुलिस गेट पर ही पहुंची थी कि अपार्टमेंट से जोर का धमाका आया। गेट पर तैनात गार्ड ने पुलिस को बताया कि अपार्टमेंट से यह आवाज आई है। पुलिस गार्ड के साथ पहुंची तो देखा वहां पर आरोपी अधिवक्ता गंभीर घायल अवस्था में लहू लुहान अवस्था में पड़ा हुआ था। पुलिस घायल को तत्काल सम मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंची, जहाँ चिकित्सकों ने अधिवक्ता को मृत घोषित कर दिया।    अधिवक्ता की मौत के बाद आगरा के वकील लामबंद हो गए हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि पुलिस ने उनके अधिवक्ता साथी के साथ गलत किया है। वहीं इस संबंध में जन मंच के अध्यक्ष एडवोकेट अजय सिंह का कहना है कि जब भी थाने में रिपोर्ट दर्ज की जाती है तो उसकी विवेचना होती है। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद किसी को दोषी करार नहीं दिया जा सकता है न ही कोई अपराधी बन जाता है। सबसे पहले पुलिस को इस मामले में विवेचना करनी चाहिए थी। पुलिस के पास तमाम एजेंसियां हैं,उनसे जांच कराई जाती। उन्होंने कहा कि रात को 11 बजे देने का क्या औचित्य है। एडवोकेट अजय सिंह ने कहा कि रात को जो घटना हुई है उसमें पुलिस ने उन्हें मारा है या वह खुद गिर गए या कोई अन्य हादसा हुआ है। उन्होंने कहा कि रात को किसी अधिवक्ता के यहां पुलिस का जाना कहाँ तक उचित है। यह एक नृशंक हत्या है, अधिवक्ता समाज अब चुपचाप नहीं बैठेगा। आज अधिवक्ता आर पार के मूड में आ चुका है।
अधिवक्ता समाज पुलिस-प्रशासन के खिलाफ उतरकर आर-पार की लड़ाई लड़ेगा एडवोकेट अजय सिंह ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में लगातार अधिवक्ताओं की मौत हो रही है उन्हें सरेआम गोली मार दी जाती है। ज्यूडिशियल अधिकारी को मौत के घाट उतारा जा रहा है, आख़िर पुलिस प्रशासन कर क्या रहा है। उन्होंने कहा कि क्या यही सरकार है। अगर यही सरकार है तो अधिवक्ता समाज के पास पुलिस-प्रशासन के खिलाफ उतरकर आर-पार की लड़ाई लड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अजय ने कहा कि हमारी सरकार और प्रशासन से मांग है कि जो भी इस मामले में दोषी हैं उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस प्रशासन इन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो आंदोलन उग्र होगा और अधिवक्ता सड़कों पर आकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि यह एक आगरा के अधिवक्ता की लड़ाई नहीं यह पूरे उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं की लड़ाई है। 

Also Read