विवादों में ग्रेटर अलीगढ़ परियोजना : प्रशासन की शर्तों पर जमीन देने को राजी नहीं किसान, सीएम दरबार जाएगा मुद्दा 

UPT | धरने पर बैठे किसान

Mar 05, 2024 13:35

अलीगढ़ में किसानों की जमीन को कौड़ियों के भाव लेने का आरोप लगाया है। ग्रेटर अलीगढ़ बसाने के लिए किसानों की जमीन ली जा रही है।

Short Highlights
  • सात गांव की जमीन ग्रेटर अलीगढ़ बसाने के लिये ली जा रही है
  • किसानों की जमीनों का सर्किल रेट सात साल से नहीं बढ़ा
  • किसान जमीन देने को तैयार नहीं 
Aligarh News : ग्रेटर अलीगढ़ बसाने के लिए किसानों से कौड़ियों के भाव जमीन ली जा रही है। किसान इसका विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि ग्रेटर अलीगढ़ बस जाएगा। वहां उद्योगपति कोठी बनाकर आराम से रहेंगे। लेकिन, जिन किसानों की जमीन ली जा रही है, उनके बच्चे भूखे मरेंगे। क्योंकि किसानों को जमीन की पूरी कीमत नहीं दी जा रही है। उन्होंने बताया कि किसान की जमीन का सर्किल रेट पिछले 7 सालों से नहीं बढ़ा है। किसान नेता ने मांग की है कि पहले किसानों की जमीन का सर्किल रेट बढ़ाया जाए, फिर जमीन का चार गुना मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन का प्रकरण मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव के सामने उठायेंगे। 

सात गांव की जमीन का होगा अधिग्रहण
ग्रेटर अलीगढ़ को ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर बसाया जा रहा है। यह इलाका जेवर एयरपोर्ट से लगा हुआ है। ग्रेटर अलीगढ़ के लिए अटलपुर, मूसेपुर, ल्हौसरा, बिसावन, रुस्तमपुर, अहमदाबाद, चिकावटी के किसानों की जमीन ली जा रही है। ग्रेटर अलीगढ़ विकास प्रधिकरण की महत्वाकांक्षी योजना है। अलीगढ़-पलवल नेशनल हाइवे के करीब 300 हेक्टेयर में इस आवासीय योजना का खाका खींचा गया है। किसान अपनी जमीन का सही कीमत लगाने के लिए पिछले दो महीने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।  

सात साल से नहीं बढ़ा सर्किल रेट
भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि ग्रेटर अलीगढ़ बसाने के लिए किसान जमीन देंगे, लेकिन किसानों की जमीन की सही कीमत लगाई जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन अगर जमीन की सही कीमत नहीं देगा तो किसानों की जमीन नहीं ले पाएगा। शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान राहुल सिंह ने बताया कि हमारी 15 बीघा जमीन ग्रेटर अलीगढ़ के लिये ली जा रही है। हम जमीन देने को तैयार नहीं हैं। किसानों को उचित दाम नहीं दिया जा रहा है। राहुल सिंह ने बताया कि ग्रेटर अलीगढ़ से सीधे रोड गाजियाबाद के लिए जा रही है। वहीं, डेढ़ किलोमीटर दूरी पर ही जेवर एयरपोर्ट के लिए रोड जा रही है। दो किलोमीटर दूर ही ट्रांसपोर्ट नगर बन रहा है। तीन किलोमीटर दूर राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी बन रही है। पांच किलोमीटर दूर डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है। लेकिन, हमारी जमीन की कीमत को कम आंका जा रहा है। जमीन नहीं देने पर हमें डराया, धमकाया जा रहा है।

किसान जमीन देने को तैयार नहीं 
जिरौली डोर के किसान सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि हमारी जमीन ग्रेटर अलीगढ़ में आ रही है। करीब सात साल से सर्किल रेट नहीं बढ़ा है। बिना सर्किल रेट बढ़ाये ही किसानों की जमीन ली जा रही है। किसान धोखाधड़ी के चक्कर में अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं। किसान की जमीन का सर्किल रेट 7 लाख से 8 लाख रुपए बीघा है। वहीं, जिला प्रशासन चार लाख रुपए बीघा सर्किल रेट दे रहा है। किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं है। किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। 

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