Aligarh News : श्मशान घाट पर दबंगों का कब्जा,  ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ी

UPT | श्मशान घाट पर अवैध कब्जे से ग्रामीण परेशान

Jan 11, 2025 16:19

अलीगढ़ जिले के टप्पल थाना क्षेत्र के उदयपुर गांव में दबंगों द्वारा श्मशान घाट पर अवैध कब्जे के कारण ग्रामीणों को शवों का अंतिम संस्कार करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

Short Highlights
  • दबंगों ने श्मशान की जमीन पर कब्जा कर रखा है 
  • ग्रामीण कई बार कर चुके है शिकायत 
  • ग्रामीणों ने दी प्रदर्शन की चेतावनी 
Aligarh news : अलीगढ़ जिले के टप्पल थाना क्षेत्र के उदयपुर गांव में दबंगों द्वारा श्मशान घाट पर अवैध कब्जे के कारण ग्रामीणों को शवों का अंतिम संस्कार करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति इतनी विकट हो गई है कि ग्रामीणों को शव लेकर 4 किलोमीटर दूर खेतों या यमुना एक्सप्रेसवे के पास खुले स्थानों पर अंतिम संस्कार के लिए जाना पड़ता है ।

दबंगों ने श्मशान की जमीन पर कब्जा कर रखा है 

उदयपुर गांव के श्मशान घाट की जमीन सरकारी रिकॉर्ड में एलॉट होने के बावजूद, स्थानीय दबंगों ने इस पर कब्जा कर रखा है। गांव के निवासी पिंटू शर्मा ने बताया, श्मशान घाट तो है, लेकिन दबंगों ने उस पर कब्जा कर लिया है। हमें मजबूरी में शव लेकर हाईवे के पास दूर-दराज के इलाकों में अंतिम संस्कार करना पड़ता है।

ग्रामीण कई बार कर चुके है शिकायत 

ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है । स्थानीय निवासी राजकुमार भारती ने बताया, कि हमारे गांव में श्मशान घाट की सुविधा नहीं है । मेरी उम्र 30 साल हो गई, लेकिन हम हमेशा 3-4 किलोमीटर दूर खराब रास्तों से शव ले जाते हैं। यह बहुत पीड़ादायक है।

ग्रामीणों ने दी प्रदर्शन की चेतावनी 

इस गंभीर समस्या से आहत होकर ग्रामीणों ने अब अनशन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन जल्द ही श्मशान घाट की जमीन को दबंगों के कब्जे से मुक्त नहीं कराता, तो वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होंगे।  ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार तहसील और जिला प्रशासन से लिखित और मौखिक शिकायतें कीं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासन की इस उदासीनता से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। श्मशान घाट के मामले में प्रशासन की निष्क्रियता न केवल ग्रामीणों को परेशान कर रही है, बल्कि यह संवेदनशीलता और बुनियादी सुविधाओं की कमी को भी उजागर करती है। ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से अपील की है कि वे इस मुद्दे का तुरंत समाधान निकालें।




 

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