साहब घूस का रेट फिक्स कर दो : अंबेडकरनगर में वकीलों का प्रदर्शन, मांगी रिश्वत की रेट लिस्ट, जानें पूरा मामला

UPT | Lawyer Protest

Dec 31, 2024 17:12

अम्बेडकरनगर जिले के टांडा तहसील के वकीलों ने तहसीलदार को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने रिश्वत के लिए एक निश्चित दर तय करने की मांग की है...

Ambedkarnagar News : अम्बेडकरनगर जिले के टांडा तहसील के वकीलों ने तहसीलदार को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने रिश्वत के लिए एक निश्चित दर तय करने की मांग की है। वकीलों का कहना है कि यदि रिश्वत की राशि स्पष्ट और तय नहीं होगी, तो यह तय राशि के अनुसार रिश्वत नहीं पहुंच पा रही है, जिससे संबंधित आदेश नहीं हो पाते। साथ ही, वकीलों ने यह भी कहा कि जो पहले से चल रही रिश्वत की दर थी, वह अब बढ़ गई है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने एक ज्ञापन भी तहसीलदार को सौंपा और सोमवार को 'घूस का रेट फिक्स करो' पंपलेट लेकर प्रदर्शन किया।



वकीलों ने लगाया आरोप
वकीलों का कहना है कि प्रदेश सरकार मुकदमे जल्द निपटाने का दावा करती है, लेकिन टांडा तहसील में बिना पैसे के कोई काम नहीं होता। वकील अजय कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, यदि किसी फाइल के लिए पैसा नहीं दिया जाता है तो उसे लटकाया जाता है। यहां तक कि मामूली हस्ताक्षरों के लिए भी पैसे की मांग की जाती है। वकील इस भ्रष्टाचार को लेकर काफी परेशान हैं, और उनका कहना है कि यहां की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है।

तहसील कोर्ट में बढ़ गई रिश्वत की मांग
अजय कुमार ने यह भी बताया कि तहसील कोर्ट में रिश्वत की मांग काफी बढ़ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां न्याय की कुर्सी पर बैठे लोग न्याय बेचने का काम कर रहे हैं। वकीलों का कहना है कि तहसीलदार की ओर से 8 से 10 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की जाती है। इस अत्यधिक भ्रष्टाचार के कारण वकील और आम जनता दोनों ही परेशान हैं और अब वे इसके खिलाफ प्रदर्शन करने पर मजबूर हो गए हैं।

 प्रमाणित घूस सूची प्रकाशित की जाए
वकीलों ने अपनी शिकायत में कहा कि बिना प्रमाणित रिश्वत दर के वादकारियों से अपेक्षित धन नहीं मिल पा रहा है। उनका कहना था कि जो पैसा दिया जाता है, वह तहसीलदार की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं होता, जिसके कारण आदेश जारी नहीं हो पाते। वकीलों का कहना है कि घूस की राशि में बढ़ोतरी हुई है और यह पूरी प्रक्रिया अब बहुत जटिल हो गई है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि प्रत्येक मामले के लिए एक प्रमाणित घूस सूची प्रकाशित की जाए, ताकि काम आसानी से हो सके। वकीलों ने तहसीलदार से अपील की कि वे घूस की दर को स्पष्ट रूप से तय कर दें, ताकि यह प्रक्रिया पारदर्शी और सरल हो सके। वकीलों का कहना था कि अगर घूस की दर तय हो जाती है तो उन्हें भी काम करने में आसानी होगी और भ्रष्टाचार की समस्या कम हो सकती है।

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