अयोध्या कोर्ट का फैसला : शीतला धाम मंदिर के महंत और उसके भतीजे को आजीवन कारावास, जानिए पूरा मामला

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Dec 12, 2024 20:28

शीतला धाम मंदिर के महंत और उनके भतीजे को शिक्षिका की हत्या के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। प्रत्येक पर...

Short Highlights
  • 20 अक्टूबर 2016 को पढ़ाने जाते समय हुई थी हत्या।
  • जयप्रकाश दास से मकान के संबंध में दीवानी कोर्ट में लंबित है वाद।

 

Ayodhya News : शीतला धाम मंदिर के महंत और उनके भतीजे को शिक्षिका की हत्या के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। प्रत्येक पर 10 हजार रूपये जुर्माना भी लगाया है। अपर जिला जज अशोक कुमार दुबे की अदालत से गुरुवार को फैसला हुआ।

मृत शिक्षिका की बहन ने दर्ज कराया था मुकदमा
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विजय कुमार ओझा ने बताया कि घटना 20 अक्टूबर 2016 की सुबह 7ः30 की है। भरत कुंड मसौधा पढ़ाने जा रही शिक्षिका द्रौपदी देवी सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी रिपोर्ट उसकी बहन विद्या देवी ने बेगमगंज मकबरा निवासी जयप्रकाश दास के खिलाफ यह कहते हुए दर्ज कराई थी कि उसकी बहन का जयप्रकाश दास से मकान के संबंध में दीवानी न्यायालय में बाद लंबित है। मूल मुकदमे में 18 अक्टूबर 2016 को बहस होकर अंतिम निर्णय में सुरक्षित था। जय प्रकाश ने कुछ दिन पूर्व द्रौपदी देवी को मारा पीटा था और मुकदमे का निर्णय आने के पहले जान से मरवा देने की धमकी भी दी। इसी रंजिश के चलते घटना वाले दिन जब द्रोपदी देवी अपने स्कूल जा रही थी तो बेगमगंज मकबरा के पास उन्हें जयप्रकाश दास ने मार दिया। जब उन्होंने देखा तो मंदिर के पूरब द्रौपदी देवी की लाश पड़ी थी।

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बचाव पक्ष ने खुद को निर्दोष बताया
मामले की विवेचना के दौरान मामले में जयप्रकाश दास के भतीजे रमेश दास का नाम भी प्रकाश में आया। बचाव पक्ष से यह कहा गया कि मृतका का रामलाल पंडित से अवैध संबंध था इसी के चलते उसकी हत्या हुई और उसे फर्जी फंसाया गया।  सुनवाई के बाद कोर्ट ने जयप्रकाश दास और उसके भतीजे रमेश दास को हत्या का दोषी पाते हुए सजा दी। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया गया।

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