कंप्यूटर ऑपरेटर से बदसलूकी का मामला : मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल समेत 12 के खिलाफ केस दर्ज, मारपीट का आरोप

UPT | कंप्यूटर ऑपरेटर से बदसलूकी का मामला

Nov 06, 2024 21:36

राजर्षि दशरथ मंडलीय चिकित्सालय दर्शन नगर के प्राचार्य, दो डॉक्टरों तथा 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और विवेचना के आदेश कोतवाल अयोध्या को दिए गए हैं।

Ayodhya News : राजर्षि दशरथ मंडलीय चिकित्सालय दर्शन नगर के प्राचार्य, दो डॉक्टरों तथा 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और विवेचना के आदेश कोतवाल अयोध्या को दिए गए हैं। यह आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंशुमाली पांडेय की अदालत से जारी हुआ है। अधिवक्ता मार्तंड प्रताप सिंह ने बताया कि हैदरगंज थाना क्षेत्र के बिंदा मिश्र का पूरा पछियाना निवासी जगदीश चंद्र मिश्र का पुत्र प्रभुनाथ मिश्रा 2019 से राजर्षि दशरथ राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था। 29 जुलाई 2024 को सुबह 11:30 बजे वह अपनी ड्यूटी पर था।

कॉलेज प्रशासन से की शिकायत 
इस दौरान मेडिकल कॉलेज की 2020 बैच की छात्राएं रितु और निर्मला कुमावत बलपूर्वक बिना लाइन में लगे उसकी केबिन में घुसकर रजिस्ट्रेशन पर्चा काटने का प्रयास करने लगीं और दबाव डालने लगीं। जब प्रभुनाथ ने उन्हें लाइन में लगकर पर्चा कटवाने को कहा, तो वे दोनों, 10-12 अज्ञात असामाजिक तत्वों और अन्य अज्ञात डॉक्टरों के साथ मौके पर आ गईं और प्रभुनाथ को मारा-पीटा। घर पहुंचकर उसने अपने पिता को इस पूरी घटना के बारे में बताया और मेडिकल कॉलेज प्रशासन से भी शिकायत की। इसके बाद एक जांच कमेटी बनाई गई, लेकिन आरोप है कि विभागीय मामला होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई।

जान से मारने की दी धमकी
रितु और निर्मला कुमावत तथा उनके गैंग के सहयोगी डॉक्टरों ने प्रभुनाथ से शिकायत वापस लेने और माफी मांगने के लिए गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी। अधिवक्ता श्री सिंह ने बताया कि जब प्रभुनाथ ने मेडिकल छात्राओं की शिकायत प्राचार्य ज्ञानेंद्र कुमार से की, तो उन्होंने प्रभुनाथ को अपने कमरे में बुलाकर दोनों छात्राओं से माफी मांगने को कहा, अन्यथा छेड़छाड़ और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी दी। माफी न मांगने पर, प्राचार्य ज्ञानेंद्र कुमार ने 7 अगस्त 2024 को प्रभुनाथ को बुलाकर नौकरी से निकालने और झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी। इस दबाव से तंग आकर प्रभुनाथ ने उसी दिन जहर खा लिया। आरोप है कि इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने लापरवाही बरती और उसे लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया, जहां डॉक्टरों ने 8 अगस्त को उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने दर्ज नहीं की रिपोर्ट
मृत्यु की संभावना के बारे में जानने के बाद, साजिश करके प्रभुनाथ का नाम गलत तरीके से "रघुनाथ मिश्रा" बताकर एक अन्य सहयोगी को भी सह-आरोपी बना दिया गया और उसके खिलाफ अश्लील हरकत और धमकी देने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की, तो मृतक के पिता ने अदालत में रिपोर्ट दर्ज करने की अर्जी दी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले में रिपोर्ट दर्ज करने और विवेचना करने तथा परिणाम से न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया है।

Also Read