अयोध्या राम मंदिर का 60 प्रतिशत काम पूरा : आंदोलन के प्रमुख संतों के नाम पर होंगे चारों प्रवेश द्वार, बैठक में हुआ फैसला

UPT | राम मंदिर

Dec 29, 2024 14:47

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले साधु-संतों के नाम पर मंदिर के सभी चार प्रमुख प्रवेश द्वारों का नामकरण किया जाएगा...

Ayodhya News : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले साधु-संतों के नाम पर मंदिर के सभी चार प्रमुख प्रवेश द्वारों का नामकरण किया जाएगा। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के प्रस्ताव पर मंदिर निर्माण समिति की बैठक में इस पर सहमति बन गई है। इस संबंध में जल्द ही और विचार-विमर्श करके नामकरण प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। शनिवार को मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इस बारे में जानकारी दी।

निर्माण कार्य का किया निरीक्षण
मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया गया। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों, कार्यदायी एजेंसियों के अधिकारियों और अभियंताओं के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न मंदिरों के निर्माण की प्रगति पर चर्चा की गई और शेष कार्यों की जानकारी ली गई। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर परिसर में परकोटे के निर्माण में 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसमें कुल 8 लाख 40 हजार क्यूबिक फीट पत्थर लगने थे, जिनमें से अब केवल 3 लाख क्यूबिक फीट पत्थर का काम बाकी है। इस प्रगति को देखते हुए माना जा रहा है कि जून 2025 तक परकोटे और इसके अंदर बने छह मंदिरों का निर्माण पूरा हो जाएगा।



पहले-दूसरे तल की फिनिशिंग का काम जारी
राम मंदिर के निर्माण में तेजी से कार्य हो रहा है। मंदिर के पहले और दूसरे तल की फिनिशिंग का काम चल रहा है। इसके साथ ही पहले तल पर राम दरबार की स्थापना का कार्य भी शीघ्र शुरू होने वाला है। जनवरी के पहले सप्ताह में जयपुर में बन रही सभी मूर्तियों का अंतिम निरीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा, सप्तर्षियों के मंदिरों के बीच बनने वाले पुष्करिणी सरोवर पर काम भी शुरू हो चुका है। इस सरोवर के डिजाइन और ड्राइंग पर चर्चा की जा चुकी है और इसके निर्माण का काम तेजी से चल रहा है।

बैठक में रहे उपस्थित
इस बैठक में कई महत्वपूर्ण लोग भी मौजूद थे, जिनमें ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, सदस्य डा. अनिल मिश्र, राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव, आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, टाटा कंसल्टेंसी के परियोजना निदेशक वीके शुक्ल, और एलएंडटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता शामिल थे। इन सभी अधिकारियों ने मंदिर के निर्माण कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और भविष्य में इसे और अधिक गति देने के लिए चर्चा की।

पूर्व पीएम ने रखी थी आधारशिला
पूर्व आइएएस अधिकारी और मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को याद किया। उन्होंने कहा कि 1991 में डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत के विकास की आधारशिला रखी थी। मिश्र ने कहा कि हम जो कहते हैं कि 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा, उसकी नींव डॉ. मनमोहन सिंह ने रखी थी, जब वह वित्त मंत्री थे। नृपेंद्र मिश्र ने पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति अपनी शोक संवेदना भी व्यक्त की।

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