रामनगरी में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मन्दिर निर्माण की नींव रखने के दौरान ही सम्पूर्ण अयोध्या धाम का सौंदर्यीकरण शुरू हो गया। मन्दिर निर्माण, पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार, पौराणिक महत्व के कुंडों सूर्यकुंड, गिरिजा कुंड, सीताकुंड...
Dec 31, 2024 14:21
रामनगरी में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मन्दिर निर्माण की नींव रखने के दौरान ही सम्पूर्ण अयोध्या धाम का सौंदर्यीकरण शुरू हो गया। मन्दिर निर्माण, पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार, पौराणिक महत्व के कुंडों सूर्यकुंड, गिरिजा कुंड, सीताकुंड...
Ayodhya News : रामनगरी में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मन्दिर निर्माण की नींव रखने के दौरान ही सम्पूर्ण अयोध्या धाम का सौंदर्यीकरण शुरू हो गया। मन्दिर निर्माण, पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार, पौराणिक महत्व के कुंडों सूर्यकुंड, गिरिजा कुंड, सीताकुंड, विद्या कुंड, भरतकुंड आदि त्रेतायुग के वैभवशाली विरासत एवं आध्यात्मिक, सांस्कृतिक चेतना को दर्शा रहे हैं। लेकिन, जलनिकासी, बदहाल पार्क एवं सड़क जाम जैसी दुश्वारियां यहां के निवासियों को आज भी दर्द दे रही हैं। इनका निराकरण किए बिना सारी सुंदरता हाथी दांत सरीखे सिद्ध हो रही है।
गन्दे पानी की निकासी अधूरी
चार वेदों की तर्ज पर बनीं सड़कों के किनारे मोहल्ले में सीवरेज अधूरे होने से नालियां चोक हैं। जो गन्दगी के चलते बजबजा रहीं हैं। अमानीगंज हो या स्वर्गद्वार, नयाघाट हो या बेनीगंज अथवा दिल्ली दरवाजा, राणोपाली, देवकाली या जनोरा। कमोवेश गन्दे पानी की या बरसाती पानी का निकास अधूरा रहने से मोहल्ले वालों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में मोहल्ले के लोगों ने धरना तक दिए। अब उन्हें वर्ष 2025 में समस्या से निजात की आस है।
अब तक नहीं हुआ पुनर्वास
धर्म पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ और सबसे लंबा 13 किलोमीटर का राम पथ बनाया गया है। इनमें राम पथ की सबसे ज्यादा चर्चा है, क्योंकि इसको बनाने के लिए दो दर्जन से ज्यादा मंदिरों और दर्जनभर से ज्यादा मस्जिदों को हटाना पड़ा। लता मंगेशकर चौक से सहादतगंज के 13 किलोमीटर के रास्ते को चौड़ा करने के लिए दो हजार से ज्यादा मकानों और दुकानों का पुनर्निमाण कराया गया। इस प्रक्रिया से लोग खुश हैं, लेकिन कुछ को शिकायत भी है। जो उचित मुआवजा, घर के बदले घर, दुकान बदले दुकान की मांग कर आंदोलित भी हुए हैं। स्थानीय निवासी कहते हैं कि सड़क बनने का क्या फायदा, जब हमें उजाड़ दिया गया। यह मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा के विपरित है। एक निवासी ने कहा, 'देखिए राम मंदिर बन रहा है, बढ़िया है। हम लोग खुश हैं, लेकिन अब यहां घर और दुकान के सामने फेंसिंग कर रहे हैं।' एक दुकानदार ने कहा कि भइया रामपथ के बनने से दुकानदारी बढ़ गई है। वहीं, दूसरे ने रोजी रोटी का संकट बताया।
जर्जर बिजली तारों से निकलती है चिंगारी
प्राइवेट सर्विस करने वाले शिव प्रसाद तिवारी, नितेश पांडेय, बरखू यादव और महिला रत्नेश का कहना है कि बिजली के तार बदल जाएं तो बड़ी समस्या खत्म हो जाए। गलियों में लटक रहे तारों पर बंदरों के कूदने या अन्य कारणों से बत्ती गुल हो जाती है। इंवर्टर न हो तो अंधेरे में काम करना पड़ता है। नगर निगम प्रशासन और बिजली विभाग के लोग इस समस्या के स्थायी निदान को आपसी समन्वय कर ठीक कराएं। बच्चों की पढ़ाई से लेकर घरेलू काम तक बिजली के चलते थम जाते हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि नए तारों से बिजली की समस्या से निजात मिलेगी। क्योंकि अभी तमाम कार्य हो रहे हैं। सोलर सिटी बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है। इसलिए विस्वास है कि बिजली की दिक्कतें भी दूर हो जाएंगी।
पार्क नहीं, सड़क पर खेलते हैं बच्चे
रामनगरी के धर्मेंद्र पांडेय, अंजनी कुमार, रोहित, मोहित मुन्नी की समस्या बच्चों के लिए पार्क नहीं होने की है। स्थानीय लोग कहते हैं कि जिस प्रकार से सड़कें बन गई हैं, उसी प्रकार से पार्क भी बन जाएं तो बच्चों को खेलने को सुरक्षित जगह भी मिल जाए। बताते हैं कि बच्चे और छुट्टा पशु सड़कों पर उधम मचाते हैं। राहगीर उन्हें बचाने में चोटिल होते हैं। खेलने में मस्त बच्चे भी चोट खा जाते हैं। ऐसे में हर कॉलोनी में बड़े पार्क जरूरी हैं। जो पार्क हैं, वे दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। सरकार इस समस्या पर ध्यान दे। साथ ही व्यवस्था भी बनाए। बाकी राम मंदिर बनने से बहुत सारी सहूलियत मिली है। हम लोग आशा करते हैं कि नई अयोध्या में सुविधाओं का पूरा ख्याल सरकार और नगर निगम प्रशासन रखेगा। हालांकि 10 परियोजना इस दिशा में है। इनके कार्य वर्ष 2025 में पूरे हो जाएं, ऐसी कामना रहेगी।
लाइलाज होती जा रही है जाम की समस्या
अयोध्या में हर दिन 70 हजार से 01 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से धार्मिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक आयोजनों का सिलसिला बढ़ा है। इतना ही नहीं, महानगर का विस्तार भी तेजी से हो रहा है। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर को जाने वाले पहुंच मार्गों से वाहनों के साथ लोग गुजरते हैं। जिससे जाम की समस्या बढ़ गई है। हालात यह हैं कि अयोध्या में भीड़भाड़ नियंत्रण को रामलला मन्दिर जाने वाले राम पथ पर साकेत से आगे बड़े वाहनों पर प्रतिबंध के कारण लोग गलियों का सहारा लेते हैं। दोनों तरफ से भीड़ बढ़ते ही जाम लग जाता है। देवकाली हो या मोहबरा, टेढी बाजार, हर ओर जाम की समस्या ट्रैफिक प्लान के कारगर ढंग से लागू नहीं होने से बढ़ी है। स्कूल के समय सभी स्कूलों के बस बच्चों को जब घर छोड़ने जाते हैं, तो जाम की समस्या और विकराल हो जाती है।