सियासत का अयोध्याकांड : जहां से उठी, वहीं फंस गई सपा! योगी का बुलडोजर दांव, बुरे फंसे अखिलेश

UPT | Yogi Adityanath and Akhilesh Yadav

Aug 05, 2024 19:32

ये मामला व्यापक रूप ले चुका है जिसे राजनीतिक मुद्दे से जोड़कर देखा जा रहा है। यही नहीं विधानसभा में भी सीएम योगी ने इस मुद्दे को उठाया। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी...

Short Highlights
  • अयोध्या दुष्कर्म कांड से राज्य की राजनीति में हलचल 
  • पीड़ित लड़की दो माह की गर्भवती है
  • विधानसभा में भी सीएम योगी ने इस मुद्दे को उठाया
Ayodhya News : उत्तर प्रदेश के अयोध्या के भदरसा क्षेत्र में हुए दुष्कर्म कांड से राज्य की राजनीति में हलचल मची हुई है। एक बारह वर्षीय नाबालिग लड़की को सपा नेता द्वारा बहला-फुसलाकर उसके साथ सामुहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। लेकिन इस घटना का खुलासा तब हुआ जब जांच में पता चला कि लड़की दो माह की गर्भवती है। जानकारी के अनुसार, पीड़ित लड़की चार बहनों में सबसे छोटी है और उसके पिता कि मृत्यू दो साल पहले हो चुकी है। तब से मां और बहनें मजदूरी करके परिवार चलाती हैं। जब पीड़ित परिवार ने इस मामले की शिकायत थाने में की तो पुलिस ने आरोपी नेता के दबाव में शुरू में मोईद खान का नाम एफआईआर से हटा दिया था।

आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तेज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज कर दिया गया है। इसी संदर्भ में समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाए गए हैं। फिलहाल, पुलिस ने मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन पर गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। बता दें कि अब ये मामला व्यापक रूप ले चुका है जिसे राजनीतिक मुद्दे से जोड़कर देखा जा रहा है। यही नहीं विधानसभा में भी सीएम योगी ने इस मुद्दे को उठाया। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी इस मामले में घिरती जा रही है।

पीड़िता को लखनऊ रेफर किया गया
वहीं पीड़िता, जिसके गर्भ में 12 सप्ताह का भ्रूण है, को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) रेफर किया गया है। सोमवार सुबह एम्बुलेंस द्वारा पीड़िता को लखनऊ भेजा गया, जिसके साथ अयोध्या के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संजय जैन भी गए हैं। दरअसल, यह निर्णय अयोध्या के जिला महिला अस्पताल में उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के अभाव के कारण लिया गया।

विशेषज्ञों का मानना है कि पीड़िता के लिए नौ महीने तक गर्भ में बच्चे को पालना और फिर प्रसव कराना अत्यंत जोखिमपूर्ण हो सकता है, जिससे उसकी जान को खतरा हो सकता है। पीड़िता का शरीर अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है, इसलिए गर्भपात की संभावना अधिक है। हालांकि, गर्भपात या अन्य किसी भी चिकित्सकीय प्रक्रिया के लिए बाल कल्याण समिति और पीड़िता के परिजनों की लिखित सहमति आवश्यक है। इस संबंध में रविवार को अयोध्या के सीएमओ ने महिला अस्पताल में एक बैठक भी की थी। अब केजीएमयू के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा पीड़िता की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा और आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।

सीएम योगी ने बुलडोजर एक्शन कराया
गौरतलब है कि इस संबंध में थानाध्यक्ष पूराकलंदर रतन शर्मा और भदरसा चौकी इंचार्ज अखिलेश गुप्ता को सस्पेंड कर दिया गया है। इन अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज कर दिया गया है। वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग ने सेम्पल लेते हुए आरोपी की बेकरी सील की। इतना ही नहीं राजस्व विभाग की पैमाइश के बाद आरोपी की बेकरी पर बुलडोजर भी चला कर जमींदोज किया जा चुका है।

सीधे परिवार से की मुलाकात 
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद सीएम योगी ने लखनऊ में पीड़ित लड़की की मां से मुलाकात की और मामले की सारी जानकारी ली। साथ ही त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने तत्काल उच्च अधिकारियों को अपराधियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही पीड़ित गरीब परिवार को आर्थिक सहायता करने का भी आश्वासन दिया।  पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।  घटना के बाद परिवार सदमे में है और न्याय की मांग कर रहा है। मां का कहना है कि वे बहुत गरीब हैं और अब उनकी बेटी गर्भवती हो गई है, जिससे वे समाज में मुंह दिखाने लायक नहीं रहे हैं।

मंत्री निषाद ने पीड़ित परिवार से मिले
वहीं मंत्री संजय निषाद ने पीड़िता से मुलाकात की। जिसके बाद वो मीडिया के सामने अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर सके और रो पड़े। इस दौरान उन्होंने सपा और कांग्रेस पर हमलावर होते हुए समाजवादी पार्टी के पीडीए को झूठा बताया है। उन्होंने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो अपराधियों की मदद कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे अंतिम समय तक पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद किया कि उन्होंने उनकी बात सुनी और कार्रवाई की दिशा में कदम बढ़ाया। इस दौरान डॉ. निषाद ने अपने समुदाय को समर्थन देने का भी आश्वासन दिया। बता दें कि दुष्कर्म पीड़ित बच्ची भी निषाद समुदाय से ताल्लुक रखती है। 

परिवार को आर्थिक मदद दी
दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता की मां को आश्वासन दिया कि सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। स्थानीय विधायक अमित सिंह चौहान ने पीड़िता के घर पर जाकर परिजनों से मुलाकात की और उन्हें पांच लाख रुपये का चेक दिया। अमित सिंह ने बताया कि  सीएम ने कहा था कि किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर तुरंत उसे पूरा किया जाएगा। यही नहीं स्थानीय विधायक ने यह भी आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी रहेगी।

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