बाराबंकी : सरयू नदी के कटान से बबुरी गांव का अस्तित्व समाप्त, स्कूल समेत कई घर नदी में समाए

UPT | सरयू नदी ने गांव में किया कटान

Aug 11, 2024 13:02

बाराबंकी में सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि और कटान के चलते बबुरी गांव का अस्तित्व समाप्त हो गया है। 51 घरों और एक स्कूल समेत पूरा गांव नदी में समा गया है। अब सरयू नदी केदारीपुर गांव की ओर बढ़ रही है।

Barabanki News : बाराबंकी जिले के बबुरी गांव में सरयू नदी के कटान ने भारी तबाही मचाई है। नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी और धारा में बदलाव के कारण बबुरी गांव का पूरा अस्तित्व खतरे में पड़ गया। पिछले एक सप्ताह में नदी ने गांव के 51 घरों को अपने आगोश में ले लिया, जिससे कई लोग बेघर हो गए। इसके साथ ही गांव का कंपोजिट विद्यालय भी नदी की चपेट में आ गया, जिससे बच्चों की शिक्षा पर भी गहरा असर पड़ा है। 

बाढ़ और कटान के चलते गांव के लोग अपने आशियानों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं। लोग अपने घरों को तोड़कर ईंट, सरिया, दरवाजे और खिड़कियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ लोग अस्थाई शिविरों, सड़कों और अन्य स्कूलों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। सरयू नदी का यह तांडव यहीं नहीं रुक रहा है। अब नदी केदारीपुर गांव की ओर तेजी से बढ़ रही है और वहां के लोग भी दहशत में हैं। नदी और गांव के बीच में अब केवल कुछ कदमों का फासला बचा है, और ग्रामीणों को डर है कि उनका गांव भी बबुरी की तरह नदी में समा जाएगा।

अपनी सुरक्षा और जीविका को लेकर बेहद चिंतित हैं स्थानीय लोग 
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों के दौरे के बावजूद उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। प्रशासन द्वारा बाढ़ और राहत बचाव कार्य के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं लेकिन ग्रामीणों को इस मदद का कोई ठोस लाभ नहीं मिल पा रहा है। लोग अपनी सुरक्षा और जीविका को लेकर बेहद चिंतित हैं और उन्हें अब भी ठोस सहायता की दरकार है। इस बीच पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश ने सरयू नदी के जलस्तर को और बढ़ाने का खतरा पैदा कर दिया है,जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। बाढ़ और कटान से प्रभावित लोग अब भी सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं और उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही उनकी मदद के लिए ठोस कदम उठाएगा।

अब केदारीपुर गांव भी खतरे में 
बाराबंकी के बबुरी गांव में सरयू नदी की कटान ने पूरी तरह से तबाही मचा दी है। गांव का अस्तित्व समाप्त हो गया है और अब केदारीपुर गांव भी खतरे में है। प्रशासन की निष्क्रियता और सहायता की कमी से ग्रामीण बेहद परेशान हैं। इस विकट स्थिति में पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत की आवश्यकता है ताकि उनकी जान और माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। 

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