स्कूल के बाहर खेल रहे बच्चे पर गिरा लोहे का गेट : इलाज के दौरान मौत, पिता ने विद्यालय प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार  

UPT | टूटकर गिरा लोहे का गेट।

Dec 04, 2024 20:19

बाराबंकी के बेहड़पुरवा गांव में चार वर्षीय बच्चे पर स्कूल का लोहे का गेट गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना शिवराम एजुकेशनल एकेडमी स्कूल के बाहर खेलते समय हुई, जब गेट का आधा हिस्सा टूटकर बच्चे के ऊपर गिर पड़ा।

Barabanki News : बाराबंकी के कुर्सी कोतवाली क्षेत्र स्थित बेहडपुरवा गांव में मंगलवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब एक चार वर्षीय मासूम के ऊपर स्कूल का लोहे का गेट गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना शिवराम एजुकेशनल एकेडमी स्कूल के बाहर हुई, जब ऋतिक सिंह नामक बच्चा स्कूल के गेट के पास खेल रहा था। 



अचानक गेट का आधा हिस्सा टूटकर गिरा
घटना की जानकारी के अनुसार, ऋतिक सिंह अपने दोस्तों के साथ स्कूल के बाहर खेल रहा था, जब अचानक स्कूल के गेट का आधा हिस्सा टूटकर उसके ऊपर गिर पड़ा। पास में खेल रहे अन्य बच्चों ने इसे देख परिजनों को सूचना दी। जैसे ही परिजनों ने घटनास्थल पर पहुंचकर देखा, तो ऋतिक बेहोश पड़ा था और लोहे के गेट के नीचे दबा हुआ था।

इलाज के लिए लखनऊ ले गए परिजन 
परिजनों ने तत्काल ऋतिक को मेडिकल कॉलेज लखनऊ ले जाने का निर्णय लिया। गेट को हटा कर ऋतिक को बाहर निकाला गया और बिना पुलिस को सूचित किए इलाज के लिए लखनऊ के लिए रवाना हो गए। हालांकि, उपचार के दौरान ऋतिक की मौत हो गई। देर रात परिजनों ने शव को गांव वापस लाया, जहां परिवार में शोक की लहर दौड़ गई।

पिता ने कहा- स्कूल का गेट जर्जर हालत में था
ऋतिक के पिता रियांश सिंह ने स्कूल प्रशासन को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया और स्कूल की लापरवाही को बताया। उन्होंने कहा कि स्कूल का गेट जर्जर हालत में था और उसकी मरम्मत नहीं की गई थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ। बावजूद इसके, उन्होंने अभी तक पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

मामले की जांच की जा रही 
कोतवाली प्रभारी गजेंद्र प्रताप सिंह ने इस घटना के बारे में जानकारी दी और बताया कि मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि तहरीर मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह हादसा स्कूल प्रशासन की लापरवाही का नतीजा माना जा रहा है, क्योंकि अगर समय रहते गेट की मरम्मत की जाती, तो इस अनहोनी को टाला जा सकता था। परिजनों का कहना है कि अगर स्कूल ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाई होती, तो आज उनका बच्चा जीवित होता।

इस घटना ने इलाके में चिंता की लहर दौड़ा दी है, और बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अब यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले में किस प्रकार की कार्रवाई करती है और स्कूल प्रशासन पर किस तरह की जिम्मेदारी तय की जाती है। 

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