Ram Mandir News :  विवादित बयानों में फसे एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने मांगी माफी, बोले -'कभी-कभी हो जाती है गलती'

Google Image | जितेंद्र आव्हाड

Jan 04, 2024 16:43

बता दे कि आव्हाड ने राम भगवान को लेकर एक विवादित बयान दिया था । जिसने राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले बवाल मचा दिया। जितेंद्र आव्हाड ने राम भगवान को लेकर दिए अपने बयान में कहा कि राम बहुजनों के भगवान थे, वह मांसाहार करते थे। इसी पर राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास काफी भड़क गए..

Short Highlights
  •  एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने माफी मांग ली
  •   कहा है कि कभी- कभी गलती हो जाती है
  • आव्हाड ने राम भगवान को लेकर एक विवादित बयान दिया था
News Desk : भगवान राम को मांसाहारी बताने  एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने माफी मांग ली है। उन्होंने कहा है कि कभी- कभी गलती हो जाती है। अपने बयान पर माफी मांगते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि वह इस मुद्दे को तूल नहीं देना चाहते थे। लेकिन वाल्मिकी रामायण में कई कांड है जिनमें अयोध्या कांड भीहै।  इसमें श्लोक नंबर 102 है,जिसमें जिक्र है। आव्हाड ने कहा,'मै बिना रिसर्च के कुछ नहीं बोलता। मैं बात को तूल नहीं देना चाहता, लेकिन मेरी बातों से किसी को बुरा लगा हो तो मैं माफी मांगता हूं।

बता दे कि आव्हाड ने राम भगवान को लेकर एक विवादित बयान दिया था । जिसने राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले बवाल मचा दिया। जितेंद्र आव्हाड ने राम भगवान को लेकर दिए अपने बयान में कहा कि राम बहुजनों के भगवान थे, वह मांसाहार करते थे। इसी पर राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास काफी भड़क गए। उन्होंने कहा कि यह एकदम गलत है। भगवान जब वन गए तो उन्होंने कंद मूल और फल खाए। इसका वर्णन शास्त्रों में किया गया है।

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, NCP के नेता जितेंद्र आव्हाड जो बोल रहे हैं वो गलत है।  भगवान जब वनवास के लिए गए थे तो उन्होंने मांस खाया था। सभी जगह लिखा है कि वो कंद-मूल फल खाते थे, वो चौदह साल तक जब वनवास में रहे, वहां जो भी कंदमूल और फल मिलते थे वहीं खाते थे। वो शाकाहारी थे, हमारे शास्त्रों में जो वर्णन है और शास्त्र ही प्रमाण है।

जितेंद्र आव्हाड को मिला जवाब
आचार्य ने कहा, ऐसे झूठे आदमी को हमारे भगवान का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं। भगवान सभी के है। लेकिन सबके होते हुए भी उनके खानपान को लेकर जो कहां गया वो गलत है। एनसीपी नेता  भगवान को बदनाम करने की भाषा, निंदनीय भाषा बोल रहें है। इसकी जितनी निंदा की जाए उतना कम।  जितेंद्र आव्हाड ने शिरडी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि राम बहुजनों के हैं, जो शिकार करते हैं और खाते हैं। एनसीपी नेता के इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है। बुधवार को बीजेपी और अजित पवार गुट के एनसीपी नेताओं ने जितेंद्र चव्हाण के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया और केस भी दर्ज कराया गया है।  ।  
 

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